बुधवार, 2 जुलाई 2008

अब मशालों को जलाओ लोगो.

उपरोक्त तस्वीर हमारे गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री श्रीनरेन्द्रमोदीजी की है.
ये ग़ज़ल इसी पसमंजर की है. उनके चाहने वाले इस तस्वीर पर क्लिक कर लुत्फ़ उठायें और जलने वालों को हमारा मशवरा है अपना इलाज़ करायेंआमीन.
ग़ज़ल
तुम अँधेरों को भगाओ लोगो.
अब मशालों को जलाओ लोगो.

सर झुकाकर के रहोगे कब तक ?
शान से सर को उठाओ लोगो.

रास्ता सांप अगर रोकें तो,
तुम गरुड़ बन के दिखाओ लोगो.

राम और कृष्ण के हो वंशज तुम,
याद दुश्मन को दिलाओ लोगो,

खूँन मांगे हैं सरहदें अब तो,
कर्ज़ मिट्टी का चुकाओ लोगो.

हाथ पर हाथ रखे बैठे हो,
काम कुछ करके बताओ लोगो.

फ़ैसले आप करो खुद अपने,
अब न का़ज़ी को बुलाओ लोगो.

डॉ.सुभाष भदौरिया,ता.02-07-08 समय.6.20AM.












3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छी कविता और मेरे पसंदीदा मुख्यमंत्री की फोटो के लिए धन्यवाद.
    अब तो टिपण्णी करने आओ लोगों.

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  2. राम और कृष्ण के हो वंशज तुम,
    याद दुश्मन को दिलाओ लोगो,

    आप साम्प्रदायिक बाते काहे लिख रहे है :)

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  3. बिना भूमिका या किसी से जोड़े भी गज़ल उम्दा है.

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