शनिवार, 29 नवंबर 2008

जूते मंत्री को सुँघाओ लोगो.

ग़ज़ल
देख खूँ होश में आओ लोगो.
अब तो हथियार उठाओ लोगो.

रोग मिर्गी का लगा है सबको,
जूते मंत्री को सुँघाओ लोगो.

वो दिलासों के सिवा क्या देंगे,
उनकी बातों में न आओ लोगो.

आबरू लूट हँसे है शैतान
धज्जियाँ उसकी उड़ाओ लोगो.

हाथ पे हाथ रखे बैठे हो,
ऐसे मंज़र न दिखाओ लोगो.

भेड़िये दूर तलक भागेंगे,
आग सब मिलके जलाओ लोगो.

राम और कृष्ण के हो वंशज तुम,
याद दुश्मन को दिलाओ लोगो.

जाग जायेंगे वो जो सोते हैं,
अपनी ग़ज़लें तो सुनाओ लोगो.
उपरोक्त तस्वीर मुंबई रेल्वे स्टेशन पर हुए आतंकी हमले के मुसाफ़िरों की है.
.29-11-08 समय-07-45















6 टिप्‍पणियां:

  1. बेहोश नहीं है यह मंत्री
    सुंघाने से काम नहीं चलेगा जूते लगाओ लोगो

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  2. बहुत सटीक डाक्टर साहब ! गृहमंत्री महाराष्ट्र श्री आर .आर .पाटिल कह रहे हैं की ये तो छोटी मोटी घटना है जो इतने बड़े शहर में हो ही जाती है ! रामराम !

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  3. वो दिलासा के सिवा क्या देंगे
    उनकी बातों में न आओ लोगों.
    ...भदौरिया जी बहुत दिन बाद पढ़ रहा हूं, उतने ही टटके, तीखे और तीव्र. इस जुनून में हम साथ-साथ. रचना पर बधाई.

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  4. धीरूसिंह जी अपनी आदतन टिप्पणी करने वाले के आपके ब्लाग पर जाकर जाकर देखा तो पता चला आप भी हम ज़बान हैं आपके आक्रोश को समझता हूँ अरे भाई जूते सुँघाने के साथ मंत्रीओं को लोग लगायें तो हम कहाँ हाथ पकड़ रहे हैं.
    लोग अगर हमसे पूछें लगायें दो चार, लगाओ सौ बार हम तो यही कहेंगे.
    ताऊजी जिस मंत्री की ओर इशारा कर रहे हैं उसका हम क्या करें दूर बैठे हैं मुंबई वाले इलाज़ करें.अभी सब बिलों में घुस कर बैठे थे अब उछलेंगे,कूदेंगे,नाचेंगे,गायेंगे, धिक्कार है इन कमज़र्फो पर जो हमारे शासक है.
    एक बात और हम अपने ब्लॉग पर किसी बेनामी हरामी को कुछ कहने की इजाज़त नहीं देते फिर भी एक लुच्चा बार बार आकर ये हरकत करता है समझ जाये तो बेहतर है नहीं तो कमीने पर पूरी पोस्ट लिखनी पड़ेगी.
    ये बेनामी बदमाश अपना डमी ब्लाग बना डमी नाम से कुछ न कुछ हरकत करते रहते हैं. एक ने अभी बदमाशी की है.
    फिर हम चूतियों की पिछाड़ी मशाल घुसायेंगे तो ज्ञानी उपदेश देंना शुरू कर देंगे.हाय धरती रसातल को जा रही है.भाषा की भैसिया दुहना शुरु कर देंगे.
    अरे हम अभी हम बहुत परेशान हैं हमें तंग करोगे तो आतंकियो और नेताओं को छोड़ तुम्हारी लेना शुरू कर देंगे.

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  5. आप सही कह रहे हैं। अब ने नेता बर्दाशत नही होते

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  6. मुझे लगता है कि पाकिस्तान की स्वतंत्र देश के रूप में दुनिया को कोई आवश्यकता नहीं है। थोड़ी बहुत अमरीका को हो तो हो। अब तो पाक नागरिक भी पाकिस्तान का नागरिक के नाते अपना परिचय दुनिया को देते हुए शर्मिन्दा हो रहे हैं। अब पाक को वापिस भारत का अभिन्न अंग बनाने का समय आ ही गया लगता है।

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