सोमवार, 6 जून 2011

सत्ता के दलालों ने देखो कैसी ये आग लगाई है.


                                                  


 ग़ज़ल
सत्ता के दलालों ने देखो ये कैसी आग लगाई है.
         भूखे प्यासे  थे अनशन पर  उन पर वीरता दिखाई है.
मुंबई के हमलागर अब भी सरहद के पार मज़े से हैं,
लिस्टों को थमाकर  दुश्मन को  करते जग में  रुस्वाई है
  खूँ पी के गरीबों का जिसने दौलत जो यहाँ पे कमाई है.
उन देश के गद्दारों से सिर्फ लोगों की अब तो  लड़ाई है.
ये राम की सेना फिर से अब मैदान में देखो आयी है.
रावण का वध करने के लिए बाबा ने  अलख जगाई है.
आँधी ये उठी है चौंतरफा अब ताज़ो तख़्त की ख़ैर नहीं,
समझे वो इशारे वक्त के अब इसमें ही उनकी भलाई है.
झाँसी की  रानी जागेंगी, आज़ाद भी शामिल होंगे अब ,
सुखदेव,भगत, गाँधी,सुभाष ने ली फिर से अगड़ाई है.

केन्द्र के शासकों नें अपने स्वार्थ के कारण भूखे प्यासे भृष्टाचार के खिलाफ अहिंषक अनशन आंदोलन कर रहे रामदेव बाबा एवं निहत्थे देशवासियों पर जिस तरह रात के एक बजे बेरहमी से डंडाबाजी,टीयरगैस, आदि से पुलिस से बर्बरता पूर्ण हमला कराया उस से पूरा देश शर्मशार हुआ है. काश इस तरह का आपरेशन वे मुंबई के हमलागरों के खिलाफ़ सरहद पार कर पाते.
वहाँ तो सिर्फ लिस्ट थमाकर ही खुश हैं.
 जो लोग हमारी सीता का हरण होगा तब लड़ेंगे हम ये सोच कर मौन तमाशा देख रहे हैं उनकी इस कायरता पर निकृष्ट कहलाने वाले पक्षी गिद्धराज जटायु की आत्मा रुदन कर रही है जिसने विलाप करती सीता को छुडाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. सिर्फ शाब्दिक निंदा  प्रतीकात्मक अनशन करने से काम नहीं चलेगा.
बाबा रामदेवजी ने वर्षों से योग के माध्यम से देश विदेश के तमाम लोगों को भारतीय संस्कृति के प्रति जागृत ही नहीं किया परंतु योग खान-पान एवं आचरण शुद्दि से स्वयं के विकास के साथ देश के विकास की कुंजी भी लोगों को दी है. साधु संन्यासी  बाबा को ठग बताने वाले आतंकी सरगना को दामाद से ज़्यादा इज़्ज़त दे उसके सही क्रिया कर्म पर अपनी चिंता व्यक्त करते लजाते नहीं. सोचते  हैं उनके इस बयान से उनके बोट बेंक में और इज़ाफ़ा हो जायेगा. धिक्कार है.
हमारे राज्य के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्रमोदी जी का ये  बयान अगर भृष्टाचार के खिलाफ शांतिपूर्ण ढ़ंग से आदोलन करना अपराध हैं,विदेशी बेंकों से कालेधन को वापिस लाने के लिए जागृति फैला रहे रामदेव बाबा अपराधी हैं तो ये अपराध मैं कर रहा हूँ मुझे भी केन्द्र की सरकार दंडित करे.
पर वे जानते हैं कि गुजरात को जगाना सोते सिंहों को जगाना जैसा है इस लिए चूहे अपने बिल में ही कूदाकूद कर गदगद हैं.
पिछले कई वर्षों से जिस विकसित गुजरात को निशाना बना केन्द्र सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है उससे पूरा गुजरात परिचित हैं. फिर भी गुजरात के बढ़ते कदम को वे रोक नहीं पाये.
राम देव बाबा और उनके देश प्रेमी अनुयायियों पर हुआ प्रहार देश प्रेमियों पर प्रहार है. रावण रूपी दिल्ली की हुकूमत ने जो रामदेव बाबारूपी हनुमान की पूंछ में आग लगाई उससे  उनकी लंका तो जलेगी ही  साथ में आने वाले चुनावों में रावण के वध के साथ पूरा कुनबा ध्वस्त होगा. आमीन.
इसके साथ ही गुजरात विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग की अध्यक्ष  एवं हिन्दी रिफ्रेशर कोर्डनेटर डॉ. रंजना अरगडेजी ने ता.03-06-2011 के रोज़ अहमदाबाद गुजरात विश्व विद्यालय में हिन्दी विभाग के चल रहे रिफ्रेरशर कोर्स में हिन्दी ब्लागिंग कार्यशाला के लिए आमंत्रित किया उसी का स्लाइडशो  हमने अपने ब्लाग पर लगाया है.
 हमने  रिफ्रेशर कोर्स में पधारे महाराष्ट्र एवं गुजरात के विभिन्न स्थलों से आये अध्यापकों को प्रोजेक्टर,लेपटोप, इंटरनेट के माध्यम से   हिन्दी में ब्लाग कैसे बनायें उसके आन लाइन  प्रदर्शन से जानकारी देते हुए अपने ब्लाग के माध्यम से तस्वीर कैसे लगाना, खासकर नाग पर लगा वीडियो सब चकित हो कर देख रहे थे.
ब्लाग की ताकत और उससे होने वाले नुकशान की तरफ भी  हमने उन्हें आगाह किया. खासकर अपनी पोस्ट उँगलियाँ कटायेंगे मेरी सूली भी चढ़ायेंगे अब वे पर लगी  गुजरात राज्य शिक्षा विभाग द्वारा दी गयी गुजराती में नोटिस का चित्र  भी दिखाया.
ब्लाग बनाने से पहले गुग्गल में जाकर जी मेल बना ब्लागर डोट कोम पर जा क्रियेट ब्लाग में अपना ईमेल पास वर्ड देकर खुलने वाली तमाम विंडों की क्रमशा जानकारी देते हुए खासकर प्रसंगानुकूल चित्रों को लगाना आदि बताया. ब्लाग पर जिस सामग्री को प्रकाशित करना हो से वर्डकी फाइल में लिख वहाँ से कोपी कर सीधे ब्लाग पर प्रकाशित करना ज़्यादा आसान है इसे पेन ड्राइव के माध्यम से छात्र साईबर काफे में जाकर कम खर्च में आसानी से प्रकाशित कर सकते हैं.
 अबअध्यापकों के पास कंप्यूटर इंटरनेट आदि की सुविधा का होना अनिवार्य है तभी वे अपने छात्रों को  नई तकनीक से वाकिफ कर सकते हैं इसके लिए उन्हें इन दिनों काफी तनखाह भी मिल रही है. आदरणीय रंजनाजी नें हमें दूर दराज शहेरा गाँव की कोलेज से बुलाया ये हमारे लिए गौरव की बात है.
 अपनी शहेरा कोलेज से निकल हम अहमदाबाद में मुख्यमंत्रीश्री नरेन्द्रमोदीजी द्वारा प्रदान की गयी बी.आर.टी.एस बस सेवा का लाभ लेते हुए महानगर अहमदाबाद घर पर आये उस दर्म्यान की तस्वीरें भी ले लीं. घर में  आने पर घर के अपने कमरे में   दीवार पर टंगे अपने सुपत्र राहुल की बचपन और सयाने पन की तस्वीर देख उनकी बहुत याद आयी. जनाब इन दिनो गुजरात नेशनल लॉ युनिवर्सिटी के पाँच वर्ष पूर्ण कर फर्स्ट क्लास ले दिल्ली स्पर्धात्मक परीक्षा हेतु चले गये. कभी इसी तरह बेटी सी.ये. की पढ़ाई कर के कहीं चली गयी तो हम फिर  शहेरा से अहमदाबाद क्यों आयेंगे. डॉ.रंजना मैडम ने रिसोर्स परसन के रूप में हिन्दी रिफ्रेशर कोर्स गुजरात युनिवर्सिटी  में बुला कर इज़्ज़त दी साथ ही अपने बिछुड़े परिवार से भी मिला दिया.
पत्नी और बेटी को जब बताया कि हिन्दी में ब्लाग कैसे बनाया जाय सिखाने पर मैडम ने नियत लेक्चर्स के लिए जो कवर दिया उसमें ग्यारह सो रुपये थे ये हमारी ब्लागिंग की पहली कमाई 500 रुपये तो हमारी बेटी ने वहीं झटक लिए कारण दिया कि उसका फर्स्ट बी.कोम.में सी.ये. कोर्स के साथ साथ 74%  आये हैं दोस्तों को  पार्टी देनी है हमने पहले 100 रुपये दिये तो उसने याद दिलाया कि सब कहते हैं कि वो प्रिंसीपल की बेटी है 100 मे क्या होगा.सो 500 रुपयें की तो वहीं पूर्णाहिति  हो गयी. बचे 500 रुपयों में  ब्लाग की दुनियां के हमारे चाहने वाले आइस्क्रीम खा हमें उसका बिल भेज सकते हैं.
 क्या विडम्बना है गुजरात  उच्च शिक्षा विभाग ब्लाग लिखने पर शोकेश नोटिस भेजता हैं  गुजरात युनिवर्सिटी हमारे नई तकनीक की कद्र करती है.
ब्लाग-ट्रेनिंग का हमने स्लाइडशो  छात्र एवं अध्यापक हेतु अपने ब्लाग पर लगाया है किसी के काम का हुआ तो हम अपना श्रम सार्थक समझेंगे
डॉ.सुभाष भदौरिया ता.06-06-2011.



8 टिप्‍पणियां:

  1. Dear Prin Subhash,

    True feeling of a common indian and challenge to corrupt rulers are very well depicted from your gazal. & congratulations to your academic achievement. Hamara Ice-creme udhar raha bahi sahab! A/c close mat karna.

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  2. aapne abhibhoot kar diya apni lekhni ke hunar se.........

    waah ! bahut umda baat !

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  3. 1-Dear Principal Dr.Kamal Chhaya when I say GAZAL then always use common man language. You are science person but you understand literature very well.
    2- My academic achievements are lot of dear but who care, thanks for your appreciation.

    3- for ice cream when we will meat the all udhar clear o.k.

    4- कमल सर ये रामदेव बाबा को बहुत देर से पता चला कि शास्त्र के साथ शस्त्र शिक्षा कितनी ज़रूरी है जब सबको रगड़ा लगवा दिया तब कह रहे है सशस्त्र सेना बनायेंगे. चलो कोई बात नहीं देर आये दुरस्त आये.
    5. आतंकी हों या पुलिस सब निहत्थे लोगो पर ही बहादुरी दिखाते हैं
    यार हम लोग तो अलग हैं प्रिंसीपल से पहले एन.सी.सी. आफीसर रह चुके हैं दुश्मन पर अंबूश लगाना जानते हैं फिलहाल कलम से ही काम चला रहे हैं.
    પ્રિંસીપાલ સાહેબ તમે એક માત્ર સરકારી કોલેજના પ્રિંસીપાલ છો જે મારા બ્લાગ પર સત્યને જાહેરમાં સ્વીકાર કરો છો બીજા મિત્રો ખાનગીમાં સ્વીકારે છે.
    कोई बात नहीं साहब सत्य कहने और स्वीकार करने के ख़तरे आप और हम दोनों उठा रहे हैं दूरदराज़ परिवार से अलग सज़ा याफ्ता मुज़रिमों की तरह.
    सच को कहने और स्वीकार करने का कलेजा सब के पास कहाँ होता कहीं बाज़ार में तो मिलता नहीं जनाब.
    Again thanks for your valuable comment on my sensitive blog chhaya sir.
    Principal Dr.Subhash Bhadauria Shehara.

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  4. अलबेला साहब ये मौसम चुपचाप बैठ कर तमाशा देखने का नहीं है.
    लेखनी के हुनर के साथ और भी हुनर रखते हैं जनाब.
    देश के कर्णधारों के क्या कहने,
    गरीबों की दुनियां लुटी जा रही है.
    हुकूमत के अँधों को नींद आ रही है.

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  5. Dear Dr Subhash,

    As a Govt servant one should take it granted that his post is transferable anywhere( may be at the mercy of Boss). Now u have to choose one out of two conditions like
    Peace(shanti)or heavy workload,
    Free mind and hand or work under pressure
    Enjoying life or increased domestic problems due to this,
    Relaxed or tensed.
    so if you think positively than you will also agree with me. this is proper time to improve our biodata. this certainly does not mean that you are escaping from the responsibilities and non-trustworthy.
    Remain loyal to your services not to your boss. boss will come and go but service will remain till the end. so my friend dont get frustrated, enjoy the life as it may come. at the same time dont feel that those who are at the other place, are happy ,they too have more problems and tension as compared to ours. We shud thank such people that they have become shield for us.be happy on that where ever you serve your salary will be the same.

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    1. खासकर अपनी पोस्ट उँगलियाँ कटायेंगे मेरी सूली भी चढ़ायेंगे
      I am reminded of these lines:
      Samajhate the magar fir bhi na rakhhi duriyan hamane
      Charago ko jalane mein jalali ungliyan hamane

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  6. so nice sir, i am impress to your blog...so very good

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