शनिवार, 17 सितंबर 2016

पत्थर जो उछाले थे सबने, घर उससे बनाया है हमने.


ग़ज़ल

पत्थर जो उछाले थे सबने, घर  उससे  बनाया है हमने.

कांटे जो बिछाये  राहों में, घर उससे सजाया है हमने.

लपटों औ धुओं की बातें कर, इल्ज़ाम लगाते हो हर दम,

कुंदन की तरह अग्नि में बहुत, खुद को भी तपाया है हमने.

वो जंग हो चाहे गलियों में, वो जंग हो चाहे सरहद पे,

इंसा का लहू इंसा का ही है, ये राज़ भी पाया है हमने.

तुम जात धर्म की बातें कर, उलझाओगे कब तक सबको,

मिल जुल के बढेंगे सब आगे, रस्ता भी दिखाया है हमने.

फौलादी  जिसे तुम समझे हो, मग़रूर जिसे तुम माने हो,

आये जो कभी आँसू अपने, हँसकर के छिपाया है हमने.


तीरों से बदन छलनी है मगर, वे अपने शिकस्ता तीर गिने,

हर वार पे दुश्मन के आगे  कदमों को बढाया है हमने.

आज देश के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द मोदी जी के जन्म दिन एंव गुजरात पधारने पर  सादर जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाओं सहित..

મને સદભાગ્ય કે શબ્દો મળ્યા તારે નગર જાવા,
ચરણ લઈ દોડવા બેસું તો વરસોના વરસ લાગે ( મનોજ ખંડેરિયા)
प्रिंसीपल डॉ. सुभाष भदौरिया सरकारी आर्टस कोलेज शहेरा जिल पंचमहाल ता.17-09-2016


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