tag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post2090657129349087501..comments2023-09-15T20:47:12.882+05:30Comments on डॉ.सुभाष भदौरिया धानपुर जि.दाहौद गुजरात: वो उफनती हुई इक नदी होगयी.subhash Bhadauriahttp://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-57509293290412534272008-10-25T23:38:00.000+05:302008-10-25T23:38:00.000+05:30सतीशजी,ईमानदारी की मत पूछिये,हमने अपनी ग़ज़ल में क...सतीशजी,<BR/>ईमानदारी की मत पूछिये,हमने अपनी ग़ज़ल में कहा ही है-<BR/>गर्दन भी उतारी जाती है और हाथ कटाये जाते हैं.<BR/>ख़ामोश रहें कुछ न बोले गूंगे भी बनाये जाते हैं.<BR/> हम गुजरात सरकार शिक्षा विभाग वर्ग-2 में राज्यप्रात्रति अधिकारी तथा केन्द्र में एन.सी.सी के वर्ग-1 अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं.<BR/>ईमानदारी की वजह से राज्य सरकार ने चार वर्षों से रेग्यूलर इंक्रीमेंट रोक रखे हैं.हाल में प्रिंसीपल के प्रमोशन में से नाम बाकात रखा गया है.राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ज़्यादती के खिलाफ़ गुजरात उच्चन्यायाल में दो पीटीशन दाखल कर रखी है उन्हें जबाब नहीं सूझ रहा तारीख पर तारीख मांग रहे हैं.<BR/>ले तारीख दे तारीख का खेल चल रहा है.<BR/>एक ग़म हो तो रोयें बकौले ग़ालिब <BR/>मेरी किस्मत में ग़म गर इतने थे,<BR/>दिल भी या रब कई दि होते.<BR/>हम जब तक ग़ज़लों में हैं तब तक ही ठीक लेखों में<BR/>क़यामत बर्पा होती है साहब.ये लेख आप देख कर अंदाज़ा लगा लें-http://subhashbhadauria.blogspot.com/2008/02/blog-post_22.html<BR/><BR/>http://subhashbhadauria.blogspot.com/2008/01/blog-post_13.htmlsubhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-39595723311339235972008-10-25T20:44:00.000+05:302008-10-25T20:44:00.000+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-56785329084577494832008-10-25T19:35:00.000+05:302008-10-25T19:35:00.000+05:30उड़न तस्तरी ने बहुत दिनों के बाद वीराने में दस्तक ...उड़न तस्तरी ने बहुत दिनों के बाद वीराने में दस्तक दी.<BR/>आप तो गुलों और तितलियों की ही बस्ती में करम फ़र्मा रहते है हुज़ूर और यहां दीवाने हैं कि तरस जाते दीदार के लिए.<BR/>आप हमारी कुटिया में पधारे समझो हमारी दीवाली हो गयी.इस अंजुमन में भी आते जाते रहिए साहब.<BR/>आप और आपके परिवार दीवाली के ढेर सारी शुभकामनाएं. <BR/>आपको जब हम छेढ़ा करें तो दिल पर न लिया करें.<BR/>क्या करें आपकी अदायें भी किसी नाज़नी से कम नहीं ब्लॉग जगत में से रुठकर जाने के जलवे का जबाब नहीं फिर जोहराजबीनों का मनाना.हाय हम किस से प्रेरणा लेंगे.हमें बहुत जलन होती है क्या करें. हाय कोई हमसे भी प्रेरणा लेता गरीब का दिल रह जाता.आप मुद्दतों के बाद आये बहुत अछ्छा लगा साहब.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-17009414055404082592008-10-25T19:14:00.000+05:302008-10-25T19:14:00.000+05:30राकेशजी कविता में भाषा और प्रतीकों के अंदाज़ तो को...राकेशजी कविता में भाषा और प्रतीकों के अंदाज़ तो कोई आपसे सीखे.ब्लॉग जगत में श्रंगार रस का वर्णन करने में कोई आपका सानी नहीं.<BR/>आपने नवाज़ा तो जी उठे.आप सधे हुए गीतकार हैं मेरा काम ग़ज़ल पर है इसलिए आपके बारे में तफ़्सील से कुछ नहीं कहता आपको पढ़ता ज़रूर हूँ और अंदर से भर जाता हूँ.एक ख़ास बात आपकी ये है कि आप अपनी गरिमा कभी नहीं छोड़ते हमारे सबको पता है.क्या कहें आदतों से मज़बूर हैं. <BR/>कभी कभी दीवानों की भी सुधि लेते रहिए.आमीन.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-63309865986195417962008-10-25T06:20:00.000+05:302008-10-25T06:20:00.000+05:30बहुत उम्दा...आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हा...बहुत उम्दा...<BR/><BR/><BR/>आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-40078839597685642832008-10-25T00:50:00.000+05:302008-10-25T00:50:00.000+05:30सुभाष जीसुन्दर लगी आपकी गज़ल. बहुत दिनों के बाद पढ़ा...सुभाष जी<BR/><BR/>सुन्दर लगी आपकी गज़ल. बहुत दिनों के बाद पढ़ा आपको.<BR/>उसका चेहरा मुझे याद क्या आगया,<BR/>दिलके खंडहर में फिर रौशनी हो गयी.<BR/><BR/>खूबसूरत अंदाज़ है आपकाराकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.com