tag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post4904696002590648100..comments2023-09-15T20:47:12.882+05:30Comments on डॉ.सुभाष भदौरिया धानपुर जि.दाहौद गुजरात: सर हमारा तो अभी बाकी है.subhash Bhadauriahttp://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-14371907108816778352010-02-07T15:27:27.112+05:302010-02-07T15:27:27.112+05:301-सुलभजी आपके रंग कर्मी ब्लॉग को देखा वहां विस्तृत...1-सुलभजी आपके रंग कर्मी ब्लॉग को देखा वहां विस्तृत टिप्पणी की है.आपकी बधाई क़बूल.<br />2-नीरजजी आपने अपने ब्लाग ज्ञान का अतुल भंडार बना रक्खा हैं. खा़सकर ग़ज़लों के पंसन्ददीदा दीवान और उनकी जानकारी ब्लाग के पाठकों के मानसिक स्तर को ऊँचा उठायेगी जो आजा फँसाजा के खेल में लगे हैं उन्हें आपके ब्लाग पर जाकर कुछ पढ़ने ,सुनने की ज़रूरत है.आपको इन तमाम शख्सियत से आमोखा़स को वाकिफ़ कराने के लिए दिली मुबारकवाद देता हूँ.आप ग़ज़लों के इल्म के साथ व्यंग्य विधा पर भी अपना अच्छा दखल रखते हैं.आप बहुत ज़हीन पढ़ने लिखने वाले हमारे पाठकों में एक हैं.हम आपकी बातों को हमेंशा सज़ीदगी से लेते हैं.आपका ब्लाग पर आना सुकून देता है.<br />3-वंदनाजी गुजरात सरकार में कार्यरत हूँ.हमने कई बार अपने ब्लाग द्वारा अपने राज्य के सी.एम. सर का खासकर उच्चशिक्षाविभाग में चल रही अनियमिताओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है. सबसे बेहतर परिणाम के रूप में हमारे जैसे 25 सीनियर सरकारी अध्यापकों का सी.एम.सर द्वारा क्लास वन प्रिंसीपल के रूप में प्रमोशन. वो बहुत पढ़ने लिखने वाले व्यक्तिओं में से हैं.उन्होंने पढ़े गुजरात का अभियान चला रक्खा है इस पर कभी विस्तृत बात करूँगा. ब्लाग मेरे लिए मनोरंजन और दिल की भड़ास निकालने का साधन नहीं मैं इसका दिमागीय अत्याधुनिक हथियार के रूपमें इस्तेमाल करता हूँ.हुकूमत को अगर हमारा अंदाज पसन्द आये तो सचमुच गौरव की और खुशी की बात है.<br />4.वीनस तुम बहुत ही होनहार,जिज्ञासु, ग़ज़ल के शिल्प एवं भाषा को समझने वाले हमारे पाठक हो.तुम्हारे ब्लाग पर लगे थर्मोकोल के माडल तुम्हारी रचना धर्मिता एवं सूझबूझ के परिचायक हैं. मुझे भाषा के बारे में जब भी आगाह करते हो अच्छा लगता है.लीक से हटकर चलने के ख़तरे हैं कदमों के साथ भाषा का लड़खड़ाना स्वाभाविक है.<br />जान लेवा इन हालात में मुलायम भाषा नहीं सख्त तल्ख भाषा ही वक्त के काम आयेगी. आज बहुत दिनों के बाद तुम्हारा आना बहुत ही अच्छा लगा. शायद रूठ गये थे.तुममें बहुत संभावनायें छुपी हैं वीनस अपने को सँभालें रहना. आमीन.<br />5.आदरणीय शास्त्रीजी हमने तो सोचा था हमारे इस दुनियाँ में न होने के बाद ही हमारी ग़ज़लों की चर्चा होगी.<br />ग़ज़ल के ढ़ोगी गुरू आत्म मुग्ध हैं चेले चेलियों की संख्या बढ़ाने में लगे हैं.ग़ज़ल उनके लिए अर्थोउपार्जन और अपने अधकचरे ज्ञान का ठप्पा लगाने का ज़रिया हैं.नई नस्ल को अपने ज्ञान के आंतक से बाहर निकलने ही नहीं देते. चेल ग़ज़ल बाद में लिखते हैं गुरु महिमा का आलाप पहले.<br />6- हमारा हाल ऐसा है कि कोई दोस्त जब चिड़कर अपनी भड़ास निकालने के लिए हमें गुरु कहता हैं हम समझ जाते हैं कहीं हमसे भारी ग़लती हुई तभी ये गाली हमें मिली.<br />गुरु के मानी अब बदल गये हैं.गुरु का मतलब है जो जितना पाखंड करे,माया जाल रचे.शि्ष्यों का मानसिक, आर्थिक शोषड़ करे वही महान.हमारे गुरु भी ऐसे ही कपटी कामी,पक्षपाती रहे सो हमें इस शब्द से भारी चिंड़ है. एक बात और ये अपने शि्ष्यों को स्वता मार्ग चुनने का अवसर ही नहीं देते. इनके चेले भी मन में राम बगल में छुरी वाले वे अंदर से भारी नाराज़ पर ऊपर से खींसें निपोरते हैं.<br />आपने हमारी ग़ज़ल की चर्चा कर हमें जो जीते जी इज़्ज़त बख्शी उसके लिए हम आपके आभारी हैं. आपके दिये लिंक को देख लिया श्रीमान धन्यवाद.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-69886671024421332922010-02-07T07:22:55.381+05:302010-02-07T07:22:55.381+05:30आपकी गजल बहुत सुन्दर है!
यह चर्चा मंच में भी चर्चि...आपकी गजल बहुत सुन्दर है!<br />यह चर्चा मंच में भी चर्चित है!<br />http://charchamanch.blogspot.com/2010/02/blog-post_5547.htmlडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-41150676887246914722010-02-07T02:05:00.057+05:302010-02-07T02:05:00.057+05:30हम तो जल कर कबाब हो गए हाय :?)
गजल बहुत पसंद आयी ...हम तो जल कर कबाब हो गए हाय :?)<br /><br />गजल बहुत पसंद आयी <br /><br />आभार <br /><br />वीनस केशरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-28347844343917188442010-02-06T18:37:17.208+05:302010-02-06T18:37:17.208+05:30subhash ji badhayi.........chalo blogger biradri m...subhash ji badhayi.........chalo blogger biradri mein koi to huaa jise CM ne badhayi di..........sachmuch bahut hi garv aur khushi ki baat hai.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-59020250100996323842010-02-06T17:09:01.837+05:302010-02-06T17:09:01.837+05:30क चिड़िया की तो हिम्मत देखो,
तोप पर बैठी गुनगनाती...क चिड़िया की तो हिम्मत देखो,<br /><br />तोप पर बैठी गुनगनाती है.<br /><br />दूर फेंका है शहर से उसने,<br /><br />तेरी खुश्बू अभी तो आती है<br /><br /><br /><br />सुभाष जी ऐसे कद्दावर शेर कहना आपके बस की ही बात है...क्या खूब ग़ज़ल कही है भाई वाह...मोदी जी महान हैं जो ब्लॉग भी पढ़ते हैं...इतना वक्त कैसे निकाल लेते हैं ये शोध का विषय है...लिखते रहिये...आपका लिखा पढ़ कर हमेशा अच्छा लगता है...<br /><br />अभी तो आपकी छवि और ग़ज़ल को देख खुश हो रहे हैं...बाद में जलेंगे...की हा हुसैन हम ऐसे क्यूँ न हुए...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-12278779953603311272010-02-06T16:51:32.659+05:302010-02-06T16:51:32.659+05:30बहुत बधाई आपको.
आपकी ग़ज़ल मुझे विशेष पसंद आई है....बहुत बधाई आपको.<br /><br />आपकी ग़ज़ल मुझे विशेष पसंद आई है. जानदार शेरो के लिए बधाई.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.com