tag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post6325460305953449549..comments2023-09-15T20:47:12.882+05:30Comments on डॉ.सुभाष भदौरिया धानपुर जि.दाहौद गुजरात: तुम अपने सरों की फिक्र करो हम सर को कटाना जाने हैं.subhash Bhadauriahttp://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-14649526372866122562011-08-20T22:16:52.169+05:302011-08-20T22:16:52.169+05:30शर्माजी पुरखों के लहू का इल्म अगर लोगों को हो गया ...शर्माजी पुरखों के लहू का इल्म अगर लोगों को हो गया तो इन दोगले भृष्ट प्रशासकों की खैर नहीं.हौसला अफ़्ज़ाई के लिए शुक्रिया श्रीमान.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-50291710805651312532011-08-20T20:20:11.659+05:302011-08-20T20:20:11.659+05:30पुरखों का लहू अब भी हम में, तुम उसकी परीक्षा मत ले...पुरखों का लहू अब भी हम में, तुम उसकी परीक्षा मत लेना,<br />सूली पे चढ़ाओगे गर तुम, फिर भी मुस्काना जाने हैं.<br /><br />बहुत खूब ! बहुत ओजपूर्ण और प्रेरक अभिव्यक्ति..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-65145991281481835572011-08-20T12:54:56.303+05:302011-08-20T12:54:56.303+05:30आदरणीय शरदजी आपके व्लाग पर जाना होता है कई रंग हैं...आदरणीय शरदजी आपके व्लाग पर जाना होता है कई रंग हैं आपके कहानियों के ब्लाग को भी पढ़ा. आपने बहुत ही गंभीर सोचने को मज़बूर करने वाली रचनाओं को अपने कहानी के ब्लाग पर स्थान दिया है.<br />रही कविताओं के ब्लाग की बात उसके तो क्या कहने जितनी तस्वीरें दिलकश उतना ही संक्षेप में कहने का आपका अंदाज.बयान ज़ारी रखिये.<br /><br />आपने जो उपरोक्त शेर उद्धृत किये आने वाले समय के सूचक हैं. भृष्ट प्रशासन आसानी से मानने वाला नहीं उसके पैंतरे दिखायेगा ही अन्नाजी भूतपूर्व सैनिक हैं सब जानते ही हैं उनकी टीम के साथ लोगों को भी उनकी नित नई चाल को समझना होगा.<br />हम तो बकौले ग़ालिब<br />होता है शबोरोज़ तमाशा मेरे आगे.से आगे तमाशा देखने में ही नहीं शामिल होने में यक़ीन रखते हैं.<br />आपका ब्लाग पर आना और हौसला अफ़्ज़ाई करना हमारी ग़ज़लगोई को और भी उरूज़ बख्शेगा.आमीन.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-25680736345334134212011-08-20T12:03:17.241+05:302011-08-20T12:03:17.241+05:30हाथों में पहनती हैं चूड़ी, बुज़दिल न समझ लेना हमको...हाथों में पहनती हैं चूड़ी, बुज़दिल न समझ लेना हमको,<br />झाँसी की भी रानी हैं हममें, तलवार उठाना जाने हैं.<br />बापू के उसूलों को तुमने, ठोकर जो लगाई सुन लेना,<br />आज़ाद यहां घर घर में अभी सब अपना निशाना जाने हैं.<br /><br /><br />आस्था और विश्वास से ओतप्रोत ओजपूर्ण सुन्दर रचना ....Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.com