tag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post7606115838635002820..comments2023-09-15T20:47:12.882+05:30Comments on डॉ.सुभाष भदौरिया धानपुर जि.दाहौद गुजरात: रूप शाकुन्तली,शील कामायनी,चित्रलेखा हो तुम,तुम ही हो उर्वशी.subhash Bhadauriahttp://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-59762174094736342782008-10-21T09:02:00.000+05:302008-10-21T09:02:00.000+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-52474269293615110012008-10-19T13:12:00.000+05:302008-10-19T13:12:00.000+05:30श्रीकांतजी आप एक बहुत बड़ी शख़्शियत आपके ब्लॉग पर ...श्रीकांतजी आप एक बहुत बड़ी शख़्शियत आपके ब्लॉग पर जा कर देखा.<BR/>आप जैसे पाठक हमारी रचना पढ़ें और उन्हें सकून मिले इससे बड़ी हमारी और क्या खुशकिस्मती हो सकती है. आपकी हौसला अफ़्ज़ाई ने हमें आज मालामाल कर दिया.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-9456300962221409852008-10-19T13:04:00.000+05:302008-10-19T13:04:00.000+05:30शहरोज़जीआपकी नवाज़िश के लिए तो ये पंक्तियां ही कही...शहरोज़जी<BR/>आपकी नवाज़िश के लिए तो ये पंक्तियां ही कही जा सकती हैं-<BR/>हँस के बोला करो,बुलाया करो.<BR/>आपका घर है आया जाया करो.<BR/>आपके ब्लॉग पर अपनी प्रतिक्रिया दे दी है साहब.<BR/>आपकी कलम हिन्दुस्तान को जोड़ने का काम करेगी आपके आलेख से ऐसा लगा है मुझे.आजकल बाकी लोग उसे तोड़ने में लगे हैं.कलमकार भी इस साज़िश में शामिल है.इनकी शिनाख़्त अब छिपी नहीं रफ़्ता रफ़्ता लोग इन्हें पहिचान ही लेंगे.<BR/>आप एक बहुचर्चित पुस्तक कितने पाकिस्तान जो कमलेश्वरजी की है ज़रूर पढे.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-38036479889522194262008-10-19T12:32:00.000+05:302008-10-19T12:32:00.000+05:30Shringar ke sath anya rason se bhi sarabor rachna....Shringar ke sath anya rason se bhi sarabor rachna. aisi rachna ek sukoon sa deti hai.श्रीकांत पाराशरhttps://www.blogger.com/profile/02488429636132949216noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-36253980925657848062008-10-19T03:42:00.000+05:302008-10-19T03:42:00.000+05:30संभवत:पहली बार आना हुआ .क्या अंदाज़ है जनाब!हम तो ...संभवत:पहली बार आना हुआ .<BR/>क्या अंदाज़ है जनाब!<BR/>हम तो आपके क़ायल हुए.<BR/><BR/><BR/><BR/>ज़रूर पढिये,इक अपील!<BR/>मुसलमान जज्बाती होना छोडें<BR/>http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/2008/10/blog-post_18.htmlشہروزhttps://www.blogger.com/profile/02215125834694758270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-1150222701249045182008-10-18T18:20:00.000+05:302008-10-18T18:20:00.000+05:30फ़िरदौसजी कई भाषाई पंडितों ने ये अफ़वाह फैला रक्खी...फ़िरदौसजी कई भाषाई पंडितों ने ये अफ़वाह फैला रक्खी हैं के हम तल्ख़ और बदज़बान बेअदब हैं.हमने ब्लॉग जगत में गंदगी फैला रक्खी हैं हमारी दानिशमंद पाठकों से ग़ुज़ारिश है इस ग़जल की ख़ुश्बू को महसूस करेंऔर हमें बतायें कि उन अहमकों के नज़रिये में ही बेईमानी है जो गुटों में अहोरूपं अहो ध्वनि कह आत्म मुग्ध है.<BR/><BR/>रंजनाजी आपको ग़ज़ल की पंक्तियां पंसद आयीं.<BR/>हमारा सबकुछ सबको पंसद आयें इसकी कहाँ उम्मीद रखते हैं.कहीं कुछ ना पंसद आये तो आप बेहिचक कह सकती हैं.आते जाते रहिए.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-3766968522112630092008-10-18T18:04:00.000+05:302008-10-18T18:04:00.000+05:30नीरजजी,इतने दिनों किन गुलों की रानाइयों में गुम रह...नीरजजी,<BR/>इतने दिनों किन गुलों की रानाइयों में गुम रहे ?आपको इस हकीकत का तो इल्म होगा ही-<BR/>गुलशन की फ़कत फूलों से नहीं <BR/>कांटों से भी जीनत होती है.<BR/>हमारे सभी रंग असली हैं साहब एक बार दिमागो दिल पे चढ़ जायें तो उतरते नहीं.मुहब्बत बनाये रखिये.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-61988073386298029292008-10-18T15:17:00.000+05:302008-10-18T15:17:00.000+05:30sundar bhaavpoorn panktiyan hain.sundar bhaavpoorn panktiyan hain.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-2228222554641838632008-10-18T12:15:00.000+05:302008-10-18T12:15:00.000+05:30मन को छू लेने वाली पंक्तियां हैं...बधाई...मन को छू लेने वाली पंक्तियां हैं...बधाई...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-29197994288307158692008-10-18T10:56:00.000+05:302008-10-18T10:56:00.000+05:30बेहतरीन....बहुत दिनों बाद आप को अपने असली रंग में ...बेहतरीन....बहुत दिनों बाद आप को अपने असली रंग में देखा है...बधाई...<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com