tag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post8377557990043680894..comments2023-09-15T20:47:12.882+05:30Comments on डॉ.सुभाष भदौरिया धानपुर जि.दाहौद गुजरात: इक बार तुम्हें देखा जिसने सब होश गवां बैठे अपने.subhash Bhadauriahttp://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-81609524500832542102009-12-17T11:05:59.692+05:302009-12-17T11:05:59.692+05:30अनूपजी हमने फोटु को नज़र में रखकर ही ग़जल कही है.
...अनूपजी हमने फोटु को नज़र में रखकर ही ग़जल कही है.<br /><br />आपने ग़ालिब साहब की याद दिलादी-<br /><br />ज़िक्र उस परीवश का और फिर बयां अपना,<br />बन गया रकीब जो था राजदां अपना.<br />आप ब्लागे चमन के दीदावर हैं.आप का हमारा लिखा पसन्द आ रहा है.हम पूरी कोशिश करेंगे आपको कोई शिकायत न हो.<br />अनूपजी उर्दू भाषा के बाद सबसे अधिक ग़ज़लें गुजराती भाषा में कहीं गयी हैं शिल्प तो वही है-गुजराती ग़ज़ल के ग़ालिब कहे जाने वाले मर्हूम शायर मरीज़ साहब ने फ़र्माया है.<br />बे जणा दिल थी मडे तो एक मज़लिस छे मरीज़ <br />दिल वगर लाखो मणे एने सभा कहता नथी.<br />हिन्दी में कहें तो<br />दो जने दिल से मिलें तो एक मज़लिस है मरीज़,<br />दिल बिना लाखों मिले उसको सभा कहते नहीं.<br />दो शख़्श दिल से मिलें वही महफिल हो जाती है.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-18748209515867486872009-12-17T07:31:34.373+05:302009-12-17T07:31:34.373+05:30सुन्दर, शानदार! फोटू भी चकाचक है। नीरजजी जी ने जो ...सुन्दर, शानदार! फोटू भी चकाचक है। नीरजजी जी ने जो लिखा उसके अलावा ये वाला शेर भी धांसू है--<b>चूमें हैं तुम्हारे गालों को, लहराती लटों की किस्मत है,<br />हम भी तो तुम्हारे शैदाई , हम भी तेरे दीवाने हैं.</b><br />आप लिखते रहें हम आनन्दित हो रहे हैं।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-3271461293110546252009-12-16T18:22:47.353+05:302009-12-16T18:22:47.353+05:301-वंदनाजी आपकी ब्लाग पर आपकी मौज़ूदगी के साथ अशआर ...1-वंदनाजी आपकी ब्लाग पर आपकी मौज़ूदगी के साथ अशआर की तारीफ़ हम से और भी बेहतर लिखवायेगी.<br />2-अजय साहब आपके व्यंग्य लेखन से वाकिफ़ हूँ. आप खूब धार दार और प्रासंगिक लिखते हैं.करारी चोट के साथ हास्य का पुट और भी रंग जमाता हैं.<br />अब दादा हमको लपेट लिया न आपने.<br />क्या करें हमारा थोड़ा भी सुख किसी से देखा जाता.मौसम की का तो असर है ही.सरकार ने प्रमोशन के नाम पर ऐसी जगह फेंका हैं कि तन्हा ग़ज़लें लिखकर ग़म ग़लत कर रहे हैं.<br />किसकी मौज़ूदगी से क़यामत आयी है उस पर आप एक आयोग बैठा ही दो.आपका आना बहुत ही अच्छा लगा.<br />3-सादा जी स्वागत है आपका.आपने शब्द रचना और प्रस्तुति की तरफ ध्यान खींचा.धन्यवाद.<br />4-नीरजजी<br />मेरे शबाब के ढलने के बाद आयें है.<br />नीरजजी कहीं की झल्लाहट कहीं निकलती है.<br />अरे साहब क्लास वनी का प्रोबेशन पीरियड एक साल का है तब तक अपने आपको भुला के रखना है.<br />आप बेहतरीन ग़ज़लें कह रहे हैं कहते रहें.आप पर हम नज़र रखते हैं साहब भले कुछ कहते न हो एक और बात ग़ज़लों नायिका जिस्मानी नहीं रूहानी होती है.<br />लोग लुगाई आपको भाभी पर शेर कहने को कह रहे थे.<br />भाभियों का सृष्टि विकाश में योगदान ही काफी है.उनका ग़ज़ल में कोई काम नहीं हां चाहे तो मर्सिया ज़रूर लिखे जा सकते हैं.<br />मैनूं झूट बोलियां ? नीरज ग़ज़ल के मिलने के साथ उसका खोना भी ज़रूरी है तभी ग़ज़ल हो सकती है बाकी तुकों का खेल बहुत आसान है.कशिश नहीं आती.आप आये अच्छा लगा.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-3718249018407908652009-12-16T16:22:14.883+05:302009-12-16T16:22:14.883+05:30इक बार तुम्हें देखा जिसने, सब होश गवां बैठे अपने,
...इक बार तुम्हें देखा जिसने, सब होश गवां बैठे अपने,<br />मस्ज़िद से नमाज़ी भी ग़ुम हैं, सूने-सूने बुतखाने हैं.<br /><br />सुभाष जी बहुत दिनों बाद आप नज़र आये और इस बार बहुत खुशनुमा रंग में नज़र आये हैं...कहीं कोई तुर्शी गुस्सा नहीं किसी के लिए...लगता है दुश्मनों को शिकश्त दे दी है आपने...बेहतरीन ग़ज़ल और हर शेर बेहद रूमानी मेरी दिली दाद कबूल करें... <br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-87636649538765943482009-12-16T16:20:22.478+05:302009-12-16T16:20:22.478+05:30बहुत ही सुन्दर शब्द रचना लिये हुये बेहतरीन प्रस्...बहुत ही सुन्दर शब्द रचना लिये हुये बेहतरीन प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-5348359827007676832009-12-16T15:27:10.418+05:302009-12-16T15:27:10.418+05:30sundar gazal.sundar gazal.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-60396528263696624312009-12-16T15:20:25.400+05:302009-12-16T15:20:25.400+05:30ओहो डा. साहब ,
क्या बात है जी ...कमाल है सर
मौसम क...ओहो डा. साहब ,<br />क्या बात है जी ...कमाल है सर<br />मौसम का असर है या उनकी मौजूदगी का <br />पता नहीं किसके आने से कयामत आई हैअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5530967613912148888.post-80990705834548249502009-12-16T14:52:55.805+05:302009-12-16T14:52:55.805+05:30ये शम्आ जलाये है सबको, मालूम सभी को है लेकिन,
जलने...ये शम्आ जलाये है सबको, मालूम सभी को है लेकिन,<br />जलने की होड़ में देखो तो, हर सिम्त यहाँ परवाने हैं.<br />बहुत उम्दा गज़ल.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.com