मोदीजी शिक्षा जगत के भृष्टाचारियों से हमें बचाओ.
गुजरात राज्य के शिक्षा विभाग में व्याप्त भृष्टाचार की उस समय पोल खुल गयी जब राज्य के शिक्षा इन्सपेक्टर एच.आर.पोला अंग्रेजी माध्यम की स्कूल में दो छात्राओं को एडमीशन दिलाने में रिश्वत लेते धर लिये गये. सारा आपरेशन पेरेन्ट ने खुद किया. उन्होनें शिक्षा इन्सपेक्टर की ओडियो वीडियो बना अहमदाबाद के अंग्रेजी दैनिक अहमदाबाद मिरर में छपा दी. राज्य कि शिक्षा सचिव अडियाजी ने शिक्षा इंन्सपेक्टर एच.आर. पोला को डिग्रेड करते हुए राज्य के दूर दराज के इलाके में फेंक कर एन्टी करप्सन ब्यूरो को जांच दे दी. आप इसे इस लिंकपर क्लिक कर देखें. http://www.ahmedabadmirror.com/index.aspx?Page=article§name=News%20-%20Latest§id=2&contentid=2009071420090714032944906bea3a4c6
राज्य के उच्च शिक्षा विभाग की भी ओडियो वीडियो ज़ल्द आने वाली है. राज्य की प्राया सभी सरकारी कॉलेजो में रेग्युलर प्रिंसीपल न होने से अध्यापक अध्यापिकाओं का आर्थिक शारीरिक शोषण किया जाता है. राज्य की तमाम सरकारी कॉलेजों के 200 अध्यापकों को पिछले पाँच 10 साल से अटके सीनियर सिलेक्शन ग्रेड ता.19-02-09 को गुजरात कोलेज अहमदाबाद में बैठी डी.पी.सी कमेटी डा.आर.यु. पुरोहित चेयरमेन ओडिट आफीसर एच.सी. पटेल ने मंजूर किये. इसमें काफी लेन-देन हुआ.
एक दृष्टांत काफी है. गुजरात आर्टस सायंस कोलेज अहमदाबाद की अंग्रेजी की अध्यापिका डॉ. तृप्ति बहन वोरा का 2000 से अटका सिलेक्शन ग्रेड मंजूर कर 4,50,000 (चारलाख पचास हजार) की एरियर्स रकम मंजूर कर गुजरात आर्टस सायंस कोलेज के इंचार्ज प्रिंसीपल पीयूष पंड्या ने चुका दी. गुजरात आर्टस सायंस कॉलेज के दूसरे 18 अध्यापकों को अभी ग्रांट नहीं है कह कर चुप करा दिया गया. हमारा 98-99 में सी.आर. खराब है कहकर सिलेक्शन ग्रेड पांच साल देरी से मंजूर किया गया.
कारण हम ओडिट आफीसर एच.सी.पटेल और डॉ.आर.यु. पुरोहित की लीला अपने ब्लाग पर लिखते हैं. हमें अहमदाबाद से 150 किमी. दूर शहेरा नई कोलेज में ता.01-01-09 के रोज इंचार्ज प्रिंसीपाल का चार्ज देकर उच्च शिक्षा कमिश्नर जयन्ती रवी द्वारा फेंका गया. किसी भी राज्य में एन.सी.सी. चलाने वाले अध्यापक को एन.सी.सी बिना की कॉलेज में नहीं फेंका जाता. पर उन्होंने ऐसा किया. हमारा वेतन गुजरात आर्टस सायंस कॉलेज में महकम होने से मिलता है काम 150 किमी. दूर तनखाह लेने अहमदाबाद आना पड़ता है हमारी बेटी 12 में अहमदाबाद और बेटा गुजरात नेशनल लॉ युनिवर्सिटी गाँधीनगर पढ़ता है
उच्चशिक्षा कमिश्नरश्री ने हाल में हमारी जगह पर सरकारी आर्टस कॉलेज गाँधीनगर से हम से काफी जूनियर हिन्दी अध्यापिका गार्गी बहिन का ट्रांसफर किया. हमने जोइन डायरेक्टर एच.सी. पटेल को पूछा हमें हमारी एन.सी.सी की जगह पर अहमदाबाद रखो. हम एन.सी.सी के ट्रेन्ड अफसर है जिसके पीछे राज्य तैयार करने में लाखों का खर्च करता है. वे बोले गार्गी का रिकमन्ड शिक्षा सचिव अडियाजी ने किया है. तुम भी कोई दबाव लाओ. हम कहां से दबाव लायें एक तो वैसे ही कुदरत ने हमें नर के रूप में जन्म देकर अन्याय किया. सरकारी नौकरी में नर नारी दोनों को किसी भी जगह नौकरी करने भेजा जाता है पर हमारे गुजरात राज्यमें विशिष्ट नारियों को कई रियायते हैं और हमारी ऐसी तैसी हुई है कभी भुज तो कभी आहवा डांग अब कहीं और नंबर लगेगा.
गुजरात राज्य के शिक्षा सचिव अडियाजी किसी भी करप्सन ओडियो वीडियो सी.डी. देने से ही कार्यवाही करते हैं. हमने उपशिक्षा सचिव विक्टर मेकवान से रूबरू मिलकर पूछा कि गुजरात राज्य सेवा आयोग ने जो 25 सरकारी अध्यापकों की लिस्ट 45 दिन पहले मंजूर कर भेजी आप हमें कब प्रमोशन देने वाले हैं उन्होंने कहां 15 साल तक प्रमोशन नहीं दिया गया थोड़ा धीरज रखो. मैने कहा सर उन्होंने मेरी गुजरात कोलेज की एन.सी.सी. छीनकर दूर 150 किमी. इंचार्ज प्रिंसीपाल बनाकर भेजा आप रेग्युलर प्रिंसीपाल के प्रमोशन की कार्यवाही क्यों नहीं करते. इसे जान बूझकर अटकाया जा रहा है एक तरफ हमारा इंक्रीमेंट अटकाकर शोषण हो रहा मुझे मज़बूरन ट्रेप करनी होगी. वे बोले जल्दी करो. उपशिक्षा सचिव विक्टर मेकवान और शिक्षा सचिव अडियाजी बहुत ही सज्जन हैं वे बिना ओडियो वीडियो प्रमाण दिये कार्यवाही नहीं करते.
देश के नंबर वन मुख्यमंत्री नरेन्द्रमोदीजी के राज्य में उनके सचिवालय से 10 कदम की दूरी पर गरीब मास्टर मास्टरनिओं पर ज़ुल्म हो रहे हैं. राज्य के तमाम विभागों में छटा वेतनमान दिया जा चुका है. मात्र सरकारी कोलेज के अध्यापक वंचित हैं .
देश के नंबर वन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्रमोदीजी राज्य के बाढ़ ग्रस्त इलाकों की तो हवाई यात्रा कर ज़ाइज़ा लेते हैं कभी उच्चशिक्षा विभाग की यात्रा करें तो पता चले कहां क्या हो रहा है. हम तो बस इतना ही कहेंगे कि वे सरकारी कॉलेजों में रेग्युलर प्रिंसीपल के ज़ल्द से ज़ल्द से 25 सरकारी अध्यापकों को प्रमोशन देकर इस भृष्टाचार को रोकें.
इंचार्ज प्रिंसीपल सरकारी आर्टस कॉलेज शहेरा जिल्ला. पंचमहाल गुजरात.ता. 09-08-09
गुजरात राज्य के शिक्षा विभाग में व्याप्त भृष्टाचार की उस समय पोल खुल गयी जब राज्य के शिक्षा इन्सपेक्टर एच.आर.पोला अंग्रेजी माध्यम की स्कूल में दो छात्राओं को एडमीशन दिलाने में रिश्वत लेते धर लिये गये. सारा आपरेशन पेरेन्ट ने खुद किया. उन्होनें शिक्षा इन्सपेक्टर की ओडियो वीडियो बना अहमदाबाद के अंग्रेजी दैनिक अहमदाबाद मिरर में छपा दी. राज्य कि शिक्षा सचिव अडियाजी ने शिक्षा इंन्सपेक्टर एच.आर. पोला को डिग्रेड करते हुए राज्य के दूर दराज के इलाके में फेंक कर एन्टी करप्सन ब्यूरो को जांच दे दी. आप इसे इस लिंकपर क्लिक कर देखें. http://www.ahmedabadmirror.com/index.aspx?Page=article§name=News%20-%20Latest§id=2&contentid=2009071420090714032944906bea3a4c6
राज्य के उच्च शिक्षा विभाग की भी ओडियो वीडियो ज़ल्द आने वाली है. राज्य की प्राया सभी सरकारी कॉलेजो में रेग्युलर प्रिंसीपल न होने से अध्यापक अध्यापिकाओं का आर्थिक शारीरिक शोषण किया जाता है. राज्य की तमाम सरकारी कॉलेजों के 200 अध्यापकों को पिछले पाँच 10 साल से अटके सीनियर सिलेक्शन ग्रेड ता.19-02-09 को गुजरात कोलेज अहमदाबाद में बैठी डी.पी.सी कमेटी डा.आर.यु. पुरोहित चेयरमेन ओडिट आफीसर एच.सी. पटेल ने मंजूर किये. इसमें काफी लेन-देन हुआ.
एक दृष्टांत काफी है. गुजरात आर्टस सायंस कोलेज अहमदाबाद की अंग्रेजी की अध्यापिका डॉ. तृप्ति बहन वोरा का 2000 से अटका सिलेक्शन ग्रेड मंजूर कर 4,50,000 (चारलाख पचास हजार) की एरियर्स रकम मंजूर कर गुजरात आर्टस सायंस कोलेज के इंचार्ज प्रिंसीपल पीयूष पंड्या ने चुका दी. गुजरात आर्टस सायंस कॉलेज के दूसरे 18 अध्यापकों को अभी ग्रांट नहीं है कह कर चुप करा दिया गया. हमारा 98-99 में सी.आर. खराब है कहकर सिलेक्शन ग्रेड पांच साल देरी से मंजूर किया गया.
कारण हम ओडिट आफीसर एच.सी.पटेल और डॉ.आर.यु. पुरोहित की लीला अपने ब्लाग पर लिखते हैं. हमें अहमदाबाद से 150 किमी. दूर शहेरा नई कोलेज में ता.01-01-09 के रोज इंचार्ज प्रिंसीपाल का चार्ज देकर उच्च शिक्षा कमिश्नर जयन्ती रवी द्वारा फेंका गया. किसी भी राज्य में एन.सी.सी. चलाने वाले अध्यापक को एन.सी.सी बिना की कॉलेज में नहीं फेंका जाता. पर उन्होंने ऐसा किया. हमारा वेतन गुजरात आर्टस सायंस कॉलेज में महकम होने से मिलता है काम 150 किमी. दूर तनखाह लेने अहमदाबाद आना पड़ता है हमारी बेटी 12 में अहमदाबाद और बेटा गुजरात नेशनल लॉ युनिवर्सिटी गाँधीनगर पढ़ता है
उच्चशिक्षा कमिश्नरश्री ने हाल में हमारी जगह पर सरकारी आर्टस कॉलेज गाँधीनगर से हम से काफी जूनियर हिन्दी अध्यापिका गार्गी बहिन का ट्रांसफर किया. हमने जोइन डायरेक्टर एच.सी. पटेल को पूछा हमें हमारी एन.सी.सी की जगह पर अहमदाबाद रखो. हम एन.सी.सी के ट्रेन्ड अफसर है जिसके पीछे राज्य तैयार करने में लाखों का खर्च करता है. वे बोले गार्गी का रिकमन्ड शिक्षा सचिव अडियाजी ने किया है. तुम भी कोई दबाव लाओ. हम कहां से दबाव लायें एक तो वैसे ही कुदरत ने हमें नर के रूप में जन्म देकर अन्याय किया. सरकारी नौकरी में नर नारी दोनों को किसी भी जगह नौकरी करने भेजा जाता है पर हमारे गुजरात राज्यमें विशिष्ट नारियों को कई रियायते हैं और हमारी ऐसी तैसी हुई है कभी भुज तो कभी आहवा डांग अब कहीं और नंबर लगेगा.
गुजरात राज्य के शिक्षा सचिव अडियाजी किसी भी करप्सन ओडियो वीडियो सी.डी. देने से ही कार्यवाही करते हैं. हमने उपशिक्षा सचिव विक्टर मेकवान से रूबरू मिलकर पूछा कि गुजरात राज्य सेवा आयोग ने जो 25 सरकारी अध्यापकों की लिस्ट 45 दिन पहले मंजूर कर भेजी आप हमें कब प्रमोशन देने वाले हैं उन्होंने कहां 15 साल तक प्रमोशन नहीं दिया गया थोड़ा धीरज रखो. मैने कहा सर उन्होंने मेरी गुजरात कोलेज की एन.सी.सी. छीनकर दूर 150 किमी. इंचार्ज प्रिंसीपाल बनाकर भेजा आप रेग्युलर प्रिंसीपाल के प्रमोशन की कार्यवाही क्यों नहीं करते. इसे जान बूझकर अटकाया जा रहा है एक तरफ हमारा इंक्रीमेंट अटकाकर शोषण हो रहा मुझे मज़बूरन ट्रेप करनी होगी. वे बोले जल्दी करो. उपशिक्षा सचिव विक्टर मेकवान और शिक्षा सचिव अडियाजी बहुत ही सज्जन हैं वे बिना ओडियो वीडियो प्रमाण दिये कार्यवाही नहीं करते.
देश के नंबर वन मुख्यमंत्री नरेन्द्रमोदीजी के राज्य में उनके सचिवालय से 10 कदम की दूरी पर गरीब मास्टर मास्टरनिओं पर ज़ुल्म हो रहे हैं. राज्य के तमाम विभागों में छटा वेतनमान दिया जा चुका है. मात्र सरकारी कोलेज के अध्यापक वंचित हैं .
देश के नंबर वन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्रमोदीजी राज्य के बाढ़ ग्रस्त इलाकों की तो हवाई यात्रा कर ज़ाइज़ा लेते हैं कभी उच्चशिक्षा विभाग की यात्रा करें तो पता चले कहां क्या हो रहा है. हम तो बस इतना ही कहेंगे कि वे सरकारी कॉलेजों में रेग्युलर प्रिंसीपल के ज़ल्द से ज़ल्द से 25 सरकारी अध्यापकों को प्रमोशन देकर इस भृष्टाचार को रोकें.
इंचार्ज प्रिंसीपल सरकारी आर्टस कॉलेज शहेरा जिल्ला. पंचमहाल गुजरात.ता. 09-08-09
भला मोदी जी क्या-क्या करेंगे,,उनको और भी काम देखने होंगे। ये तो छोटी बात होगी उनके लिए
जवाब देंहटाएंशानदार पोस्ट...
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