ग़ज़ल
पलकों को बिछाते हैं आजा.
ज़ख़्मों को छिपाते हैं
आजा.
हम गीत भी गाते हैं आजा.
माँ तुझको मनाते हैं आजा.
दानव भी सताते हैं आजा.
अपने भी भुलाते हैं आजा.
दीपक तो जलाते हैं सब ही,
हम दिल भी जलाते हैं आजा.
अपने ही नहीं औरों के भी
ग़म,
काँधे पे उठाते हैं आजा.
हम सत्य की राहों में
हँस- हँस
सब कुछ ही लुटाते हैं
आजा.
उपरोक्त सरकारी आर्टस कोलेज शहेरा में मनाये गरबा उत्सव का वीडियो
नवरात्रि उत्सव गुजरात
में धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार हमने भी माँ का नवदिन व्रत रखकर उपासना की.
कारण ये था कि आसुरी शक्तियों का बल बढ़ता जा रहा था. सतपथ पर चल कर भी हमें वे
शिकस्त दे रहीं थी सो सोचा कि नवरात्रि के अवसर पर लोक हित में शक्ति साधना की
जाये.
हमारी सरकारी आर्टस कोलेज
शहेरा जो अभी स्कूल में कार्यरत हैं वहाँ पर ता.२२-१०-२०१२ अष्टमी के दिन
छात्र-छात्राओं स्टाफ सभी के साथ संगीत की धुन पर माँ अंबे को बुलाया. इसका वीडयो
ब्लाग पर लगाया है. रमतो रमतो जाये आज माँ
नो गरबो रमतो जाय. रुम झुम करता आओ अंबे मां हो मतवाला. पर कोलेज में सभी झूमे
गाये, नाचे.
मुझे तस्वीर देखकर ग़ज़ल कहने में महारथ हांसिल है.
पर देवियों की उपरोक्त तस्वीर पर लिखने में कलम साथ नहीं दे रही थी. उपवास के बाद
आज मां ने कलम को शक्ति दी तभी लिख सका हूँ.
कोलेज गरबा प्रतियोगिता में भाग लेने वाले
छात्र- छात्राओं को पहला -२५१रू. दूसरा २०१रू,, तीसरा,१५१रू. चौथा १०१रु. के पुरस्कार भी दिये गये. उपरोक्त ब्लाग पर लगे वीडियों को आप ज़रूर
देखें. जय जय गरवी गुजरात.
प्रिंसीपल डॉ. सुभाष भदौरिया
सरकारी आर्टस कोलेज शहेरा जि. पंचमहाल गुजरात.
http://www.youtube.com/watch?v=ZukPaKgzWI0
उत्कृष्ट प्रस्तुति रविवार के चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सहज सरल मनुहार माँ के चरणों में अर्पण समर्पण आपका ,मुबारक बाद .बार बार गुरुवार प्रणाम .
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट प्रस्तुति रविवार के चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंश्रधा मां के प्रति सुंदर भाव... कभी आना... http://www.kuldeepkikavita.blogspot.com
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंमाँ का आवाहन ....विशेष अभिव्यक्ति के साथ ....बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंआपको देवी माँ ने गरबा देख ग़ज़ल कहने की शक्ति दी और आपने हमें इतने सुन्दर आध्यात्मिक आयोजन में घर बैठे ही सम्मिलित कर लिया .आपका बहुत बहुत आभार
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