पता नहीं इन दिनों हमारे मुख्यमंत्री नरेन्द्रमोदीजी को क्या होगया .राज्य के कांग्रेसी कौए कह रहे हैं आशाराम बापू ने वशीकरण कर रक्खा है उनके और उनके बेटे की लीला वे चुपचाप देख रहे हैं.वी.एच.पी. वाले बताते हैं अडवाणीजी ने जीना के मज़ार से लाकर मोदीजी को गंडा बाँध दिया है वे आतंकवादियों को पकड़ तो रहे हैं पर उनका सही इलाज़ नहीं कर रहे. उपरोक्त तस्वीर उनके पुराने तेवरों की है. राज्य की ही नहीं पूरे देश की जनता उन्हें पुकार रही हैं जागो गुजरात के नाथ जागो. केन्द्रवाले तो आतंकवादियों को दामाद की तरह पूजते हैं उनसे उम्मीद रखना फ़िज़ूल है. आप तो अपने पुराने तेवर दिखायें जिसे देखने को लोग तरस गये हैं.
ये ग़ज़ल में उसी की पुकार है प्रभू. तथास्तु.
ग़ज़ल
इस बार दिवाली को, हम ऐसे सजायेंगे..
अब दीप नहीं अपने , दुश्मन को जलायेंगे.
हिन्दू को कतल करके, जो ईद मनाये हैं,
वो घर में मुहर्रम भी, अब ज़ल्द मनायेंगे.
सड़को पे हमारी जो, बारूद बिछाते हैं,
सड़कों पे उन्हीं को हम, अब फिर से बिछायेंगे.
जो आग लगाई है कुछ वहशी दरिन्दों ने ,
उस आग को उनके ही, हम खूँ से बुझायेंगे.
ख़ामोश अभी हैं, तो बुज़दिल न समझ लेना,
बिगड़े जो कहीं फिर से सब, शोर मचायेंगे.
विषधर तो हमेंशा से, भोजन हैं हमारे ये,
ये जितने मदारी हैं, हम उनको बतायेंगे.
करते हैं तमाशा, जो हर रोज़ मेरे आगे,
हम फिर से क़यामत का अहसास करायेंगे.
डॉ.सुभाष भदौरिया, ता.31-08-08 समय- 11.50PM
ये ग़ज़ल में उसी की पुकार है प्रभू. तथास्तु.
ग़ज़ल
इस बार दिवाली को, हम ऐसे सजायेंगे..
अब दीप नहीं अपने , दुश्मन को जलायेंगे.
हिन्दू को कतल करके, जो ईद मनाये हैं,
वो घर में मुहर्रम भी, अब ज़ल्द मनायेंगे.
सड़को पे हमारी जो, बारूद बिछाते हैं,
सड़कों पे उन्हीं को हम, अब फिर से बिछायेंगे.
जो आग लगाई है कुछ वहशी दरिन्दों ने ,
उस आग को उनके ही, हम खूँ से बुझायेंगे.
ख़ामोश अभी हैं, तो बुज़दिल न समझ लेना,
बिगड़े जो कहीं फिर से सब, शोर मचायेंगे.
विषधर तो हमेंशा से, भोजन हैं हमारे ये,
ये जितने मदारी हैं, हम उनको बतायेंगे.
करते हैं तमाशा, जो हर रोज़ मेरे आगे,
हम फिर से क़यामत का अहसास करायेंगे.
डॉ.सुभाष भदौरिया, ता.31-08-08 समय- 11.50PM
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