मंगलवार, 11 नवंबर 2008

डाक्टर माइन्ड शिक्षा मंत्री मास्टर माइन्ड जोयन डायरेक्टर ?

डाक्टर माइन्ड शिक्षा मंत्री मास्टर माइन्ड जोइन डायरेक्टर.
उपरोक्त तस्वीर हमारे गुजरात कॉलेज अहमदाबाद में ता.09-09-08 के रोज आयीं राज्य स्तर की शिक्षा मंत्री डॉ.मायाबहिन कोडनानी एवं राज्य की कॉलेजों के जोइन डायरेक्टर श्री एस.जे. देसाई साहब की है. राज्य की सबसे पुरानी प्रतिष्ठित गुजरात कालेज की दुर्दशा देखकर शिक्षा मंत्री काफी नाराज़ हुईं. हमने खुद अपनी ता. http://subhashbhadauria.blogspot.com/2008/08/blog-post_28.html
की पोस्ट में शिक्षा जगत के मास्टर माइन्ड आतंकवादियों को बेनकाब किया था.
शिक्षा मंत्री मायाबहिन कोडनानी के पास बैठे मास्टर माइन्ड जोइन डायरेक्टर एस।जे।देसाई से हमारे शिक्षा जगत के अध्यापक थरथर कांपते हैं इंक्रीमेन्ट रुकवाना,ट्रांसफर करवाना, प्रमोशन अटकाना, आदि खेलों में उन्हें महारथ हांसिल है. उनके षडयंत्र से हमारे 4 साल से इंक्रीमेंट रोके गये, प्रिंसीपल की प्रमोशन लिस्ट से सी.आर. के बहानें नाम निकाला गया.हमने गुजरात हाईकोर्ट में दोनों के लिए याचिका
दायर की है.1
http://gujarathc-casestatus.nic.in/gujarathc/briefcasevdetails.jsp?cs=C&ct=SCA&cn=2982&cy=2008&ctstval=r45hht56nhhj768778&qrytypr=CASE-WISE
साल भर से ले तारीख दे तारीख का खेल चल रहा है।शिक्षामंत्री मायाबहिन ने कॉलेज की अनियमितताओं के बारे में शिक्षा सचिव श्री हसमुख अडियाजी (I.A.S.) से जबाब तलब किया, अडियाजी ने राज्य की शिक्षा कमिश्नर श्रीमती जयन्ती रवी (I.A.S) को जांच सौंपी.उल्लेखनीय है कि जोइन डायरेक्टर देसाई ने इस साल खुली 13 नई कॉलेजों में इंचार्ज प्रिंसीपल के रूप में अपने आदमियों को फिट किया.रेग्युलर प्रिंसीपल की प्रमोशन लिस्ट में सी.आर.का.अड़बंगा लगा शिक्षा सचिव अडियाजी से 6 प्राध्यापकों के नाम निकलवाकर और अन्य जूनियर को प्रमोशन दिलाने की साज़िश रची. उन 6 बदनशीबों में 5वा क्रम हमारा भी है. गुजरात राज्य सेवा आयोग शिक्षा विभाग को ता. 01-09-08 को लिखे पत्र में कह रहा है कि ये अन्याय इन सीनियरों के साथ मत करो. कोर्ट कचेहरी में मामला टिकेगा नहीं पर शिक्षा सचिव मानें तो अच्छा है वर्ना मामला गुजरात हाईकोर्ट में जाने की सारी तैयारियाँ हो चुकी हैं. ये ग़ज़ल उपरोक्त तस्वीर में शिक्षा मंत्री डॉ.माया बहिन कोडनानी की मानसिकता का चित्रण है. आप सभी गौर फ़र्मोयें और ग़जल की रचना प्रक्रिया को समझे.आमीन.
ग़ज़ल
हाथों में किसके तीर है, किसके कमान है ?
मैं सोचती हूँ मेरा कहीं और ध्यान है.
बाजू में मेरे बैठा है, नज़रों को फेरकर,
मैं खूब जानती हूँ वो कितना महान है.
सर से है पांव तक वो गुनाहों में मुलव्वस,
चेहरा ही उसका कह रहा ये दास्तान है.
कपड़ों की तरह उसकी हैं रंगीन ख़्वाहिशें,
वो दिल में अपने समझे कि अहले-जहान है.
वो हाँजी, हाँजी कह के बनायेगा कब तलक ?
मुझको भी ठग लिया है उसे ये गुमान है.
है हाथ किस का सर पे बचाता है कौन शख़्श ?
मुज्रिम पे काज़ी लग रहा कि महरबान है.
कठिन शब्दों के अर्थ 1-मुलव्वस-पाप में भागीदार,
2-अहले-जहान- संसार का मालिक 3-क़ाज़ी- न्याय कर्ता.
ता.11-11-08 समय- 09.00PM.



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