ग़जलतेरी आर्ज़ू, तेरी जुस्तजू, तेरी बेरुखी, तेरी बेदिली.
मेरी बेकसी, मेरी मुफ़लिसी, मेरी दिल लगी, मेरी तशनगी.
तूने पा लिया, मैंने खो दिया, तू तो बस गयी, मैं उजड़ गया,
मेरे सीने में, उठे हूक सी, तुझे क्या पता, है ये मनचली.
तुझे ये गिला, कि भुला दिया, तुझे ये भरम, की मैं बहुत खुश,
तुझे क्या पता, तुझे क्या ख़बर, तेरी है कमी, मुझे आज भी.
मैंने आँसुओं को छुपा लिया, मैंने बात हँस के यूँ टाल दी,
मेरी आँख में कुछ पड़ गया, तेरी बात दोस्तों में जब उठी.
मैं जिऊँ भला, अभी किस तरह, कभी आ के, ये तो बता ज़रा,
तू ने छीनली, मेरी वो हँसी, तूने छीनली, मेरी ज़िन्दगी.
तुझे माँगता, तुझे चाहता, तेरी है तलाश अभी मुझे,
तुझे ढूंढ़ते, तेरी राह में, मेरी आँख हो गयी बावरी.
डॉ.सुभाष भदौरिया ता.13-6-09 समय 11-50AM
मेरी बेकसी, मेरी मुफ़लिसी, मेरी दिल लगी, मेरी तशनगी.
तूने पा लिया, मैंने खो दिया, तू तो बस गयी, मैं उजड़ गया,
मेरे सीने में, उठे हूक सी, तुझे क्या पता, है ये मनचली.
तुझे ये गिला, कि भुला दिया, तुझे ये भरम, की मैं बहुत खुश,
तुझे क्या पता, तुझे क्या ख़बर, तेरी है कमी, मुझे आज भी.
मैंने आँसुओं को छुपा लिया, मैंने बात हँस के यूँ टाल दी,
मेरी आँख में कुछ पड़ गया, तेरी बात दोस्तों में जब उठी.
मैं जिऊँ भला, अभी किस तरह, कभी आ के, ये तो बता ज़रा,
तू ने छीनली, मेरी वो हँसी, तूने छीनली, मेरी ज़िन्दगी.
तुझे माँगता, तुझे चाहता, तेरी है तलाश अभी मुझे,
तुझे ढूंढ़ते, तेरी राह में, मेरी आँख हो गयी बावरी.
डॉ.सुभाष भदौरिया ता.13-6-09 समय 11-50AM
bhadauriya saheb..............
जवाब देंहटाएंbahut khoob !
bahut bole toh bahut hi umda.....
badhaai !