ग़ज़ल
मेरी जानेमन, मेरी जानेजां, मेरी चश्मेनम, मेरी दिलरुबा.
तेरे इश्क में, तेरी चाह में, दिल हो गया, मेरा बावरा.
मेरे पात सारे हैं झर गये, मैं तो ठूंठ में हूँ बदल गया,
तू समन्दरों पे बरस गयी, तेरी राह मैं रहा ताकता.
मेरी आँख ये है भर आयी क्यों, मेरे दिल में क्यों उठे हूक सी,
मेरा चैन सारा है छिन गया, तुझे क्या ख़बर, तुझे क्या पता.
मेरे दिल तू कोई ग़म न कर, अभी आँधियां हैं मचल रहीं,
तू चराग फिर से जला कोई, भले दिल तेरा हो बुझा- बुझा.
अभी रूप का बड़ा शोर है, अभी झूट का बड़ा ज़ोर है,
अभी इल्म चुप है खड़ा उधर, अभी सच बहुत है डरा-डरा.
मेरे हाथ भी हैं कलम हुए, मेरी खींचली है ज़बां मगर,
अभी सर मेरा है तना हुआ, वो है कह रहा कि झुका-झुका.
अभी हूँ जो मैं, तो कदर नहीं, कभी खो गया जो मैं भीड़ में,
ये ज़माना इक दिन देखना, मुझे ग़ज़लों में फिरे ढूँढ़ता.
डॉ. सुभाष भदौरिया. ता.03-07-09
मेरी जानेमन, मेरी जानेजां, मेरी चश्मेनम, मेरी दिलरुबा.
तेरे इश्क में, तेरी चाह में, दिल हो गया, मेरा बावरा.
मेरे पात सारे हैं झर गये, मैं तो ठूंठ में हूँ बदल गया,
तू समन्दरों पे बरस गयी, तेरी राह मैं रहा ताकता.
मेरी आँख ये है भर आयी क्यों, मेरे दिल में क्यों उठे हूक सी,
मेरा चैन सारा है छिन गया, तुझे क्या ख़बर, तुझे क्या पता.
मेरे दिल तू कोई ग़म न कर, अभी आँधियां हैं मचल रहीं,
तू चराग फिर से जला कोई, भले दिल तेरा हो बुझा- बुझा.
अभी रूप का बड़ा शोर है, अभी झूट का बड़ा ज़ोर है,
अभी इल्म चुप है खड़ा उधर, अभी सच बहुत है डरा-डरा.
मेरे हाथ भी हैं कलम हुए, मेरी खींचली है ज़बां मगर,
अभी सर मेरा है तना हुआ, वो है कह रहा कि झुका-झुका.
अभी हूँ जो मैं, तो कदर नहीं, कभी खो गया जो मैं भीड़ में,
ये ज़माना इक दिन देखना, मुझे ग़ज़लों में फिरे ढूँढ़ता.
डॉ. सुभाष भदौरिया. ता.03-07-09
बहुत खुब भाई ................बहुत ही अच्छा लगा...........
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर गीत
जवाब देंहटाएंऐसा लग रहा है कोई गाता हुआ लिख रहा है , बस संगीत की ही कसर है
ओमजी आपको अच्छा लगा यहां लबों पे जान आ गयी है.
जवाब देंहटाएंसरकारी नौकरी में ट्रांसफर फिर परिवार दोस्तों का बिछोह उसके बाद पुराने ज़ख्म उस पर तन्हाई क्या करें. ग़ज़लें लिख कर ग़म ग़लत कर रहे हैं.
शारदाजी ये गीत नहीं है ग़ज़ल है. आप सही कह रही है ये उर्दू के बहुत लोकप्रिय बहर है. बहरे कामिल मुसम्मन सालिम है.
अब संगीत और आवाज़ से कोई नवाज़े तो हमे कोई ऐतराज़ नहीं.
हमारी इस अंजुमन में आती जाती रहिए.आमीन
लाला लालाइन के बाद आपने शार्क को अकेले नहलवाया
जवाब देंहटाएंमज़ा आ गया
बधाइयां