सच को देखो गुजरात,चमचे करते हैं घात,
आँखें खोलो गुजरात, आँखें खोलो गुजरात.
तुम तो दिल्ली के सपनों में डूबे दिन रात,
आँखें खोलो गुजरात, आँखें खोलो गुजरात.
सभी कोलेज की बात, सूनी टीचर बिन
क्लास,
ऐसे हैं अब हालात छात्र सोचें दिन रात कब आयेंगे
साब.
आँखें खोलो गुजरात, आँखें खोलो गुजरात
शिक्षकों
पर ज़ुल्म हो रहे हैं दिन रात रोज़ सहते आघात.
जो
भी सच को कहे उसके काटे हैं हाथ, अब तो दिन में भी रात.
आप
गर्दन भी काटो खुशी की है बात, अब तो हैं ये हालात.
आँखें
खोलो गुजरात आँखें खोलो गुजरात.
रोये असलम का बाप, रोये रमण की मात
कोई सुनता न बात, चूहे करते उत्पात,
माल खाये गुजरात, खूब गाये गुजरात ,
आँखें खोलो गुजरात, आँखें खोलो गुजरात.
हमने घिस दी है जात, रोज सहते आघात,
सहमें-सहमें जज़्बात,फिर भी ज़िन्दा हैं
तात,
रक्श करती दिनरात, है ये होटों पे बात,
आँखें खोलो गुजरात, आँखें खोलो गुजरात.
उपरोक्त तस्वीरों में हमारे गुजरात के
मुख्यमंत्रीश्री,केबिनेट शिक्षा मंत्रीश्री भूपेन्द्रसिंह चूडास्माजी, राज्यकक्षा
शिक्षा मंत्रीश्री वसुबहिन त्रिवेदी हैं एवं राज्य के अग्रशिक्षा सचिव आनंदमोहन तिवारीजी है.
राज्य की 72 सरकारी आर्टस सांयस कोमर्स कोलेजों
में 400 से ज़्यादा अध्यापकों की जगह खाली हैं.सरकारी कोलेजों में न तो
लायब्रेरियन हैं न स्पोर्ट टीचर.प्रयोग शालाओं में लेबअसिस्टेंट भी नहीं हैं.
नये आये शिक्षा सचिव श्री आनंदमोहन
तिवारीजी ने हमारे सच कहने पर हर पन्द्रह
दिन में एक नोटिस भेज कर परेशान कर रहे हैं.
जब मैं जोइन डायरेक्टर उच्चशिक्षा विभाग
में था तब कहते थे कि भदौरिया मैं ट्रायबल
में सेक्रेटरी था तब 65 कर्मचारियों को सस्पेन्ड किया था. तुम्हें भी कर दूँगा.
सबसे पहले शिक्षा विभाग में उन्होंने हमें
बदला कर हमारी जगह गांधीनगर विज्ञान कोलेज की इंचार्ज प्रिंसीपल कुमारी प्रज्ञा
वाढेर को जोयन डायरेक्ट का चार्ज दिया. हमें जोयन डायरेक्टर से बदलाने के लिए राज्य शिक्षा
मंत्री वसुबहिन, शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चू़डास्माजी. और अंत में
मुख्यमंत्रीश्री नरेन्द्र मोदीजी की फाइल पर सही ली गयी. सरकारी क्लास वन अधिकारी
होने के नाते ये एक गुजरात में एक प्रक्रिया थी.
पर हमारी वर्ग 1 जगह गाँधीनगर विज्ञान कोलेज की
प्राध्यापिका वर्ग-2 रखने के लिए ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं की गयी.राज्य के दोनों
शिक्षा मंत्रीश्री ये रहस्य जानते हैं पर मुख्यमंत्री मोदीजी को पता नहीं है. क्या
राज्य में कोई वर्ग-1 का अधिकारी इस लायक नहीं है ये धधकता सवाल है.ये सवाल पूरे गुजरात के शिक्षा जगत में
यक्ष प्रश्न बन चुका है.
राज्य में छटा वेतन पंच तमाम सरकारी कर्मचारियों को दिया
जा चुका है. पर सरकारी अनुदानित कोलेजों युनिवर्सिटियों के सभी प्राध्यापक अभी 80
प्रतिशत एरियर्स से वंचित हैं. उनमें हम भी हैं. राज्य के सीनियर अध्यापक आश लगाये
बैठे हैं पर कोई सुनता नहीं है. राज्य की युनिवर्सिटियों के कुलपति गण भी मौन हैं.
गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग में अपने 22 वर्ष के सेवाकाल में मैने कभी भी इतना मानसिक त्रास सहन नहीं किया.
जितना कि 6 महीने से अग्र शिक्षा सचिवश्री तिवारीजी अपनी सही से नोटिस दे कर दे रहे
हैं. इससे अहमदाबाद में सी.ए.में पढ़ रही बेटी, यू.पी.एस.सी. की तैयारी में लगे
बेटे पत्नी सब परेशान हैं.
अग्रशिक्षा सचिव तिवारी सर हमें सस्पेन्ड
कर के ही मानेंगे. फिर परिवार का खर्च कैसे चलेगा. मैंने उनके ज़ुल्म की शिकायत
राज्य के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी, गुजरात की महामहिम राज्यपाल महोदया से
मेल से 1 महीने पूर्व की फिर भी तिवारी सर का मुझे त्रास देना वंद नहीं हुआ है.
इस बार नोटिस उन्होंने अपने डिप्टी
सेक्रेटरी से दिलवाई है. तुम्हारी भाषा राज्य के सरकारी अधिकारी को शोभा दे ऐसी
नहीं है. अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी 7 दिन मे जबाब दो.
इस से पहले 6 नोटिसों का जबाब दे चुका
हूँ. तिवारी सर ने गाँधीनगर से ट्रांसफर करा के पहले परिवार से दूर किया अब वो
चाहते हैं कि मैं परेशान हो कर आत्महत्या कर लूँ.आई.एस.अफ्सर होने के नाते उन्हें
कुछ नहीं होगा. मुख्यमंत्री नरेन्द्रमोदी के उन पर दोनों हाथ हैं. मैं राज्य सरकार
में सरकारी अधिकारी हूँ हमारा कोई स्थाई घर नहीं होता.मुझे राज्य सरकारी कहीं भी
किसी इलाके में रखे उसको कोई ग़म नहीं पर इस तर परेशान न करें.
अब तो तिवारी सर कब
सस्पेन्ड करें इसका इंतज़ार है.चिंता सिर्फ इस बात की है कि अभी उच्चशिक्षा में
पढ़ रहे बच्चे परेशान होंगे.
राज्य के सभी अध्यापक विद्यार्थी तमाशा परेशान है और
मुख्य मंत्री आँखें बंद किये हैं. मुझे या मेरे परिवार को इस तरह दिये जा रहे मानसिक
त्रास से होने वाली किसी भी दुर्घटना के जिम्मेवार शिक्षा सचिव तिवारीजी शिक्षा
मंत्री चूडास्माजी,राज्य शिक्षा मंत्री वसुबहिन होंगी. क्योंकि वे सब जानती हैं.
मैंने जोयनडायरेक्टर उच्चशिक्षा के रूप में दोनों मंत्रीश्रीओं के साथ 6 महीने
कार्य किया है. अगर मुख्य मंत्रीश्री नरेन्द्रमोदी अभी भी शिक्षा सचिव तिवारीजी
द्वारा दिये जा रहे मानसिक त्रास को नहीं रोकते तो वे भी किसी भी दुर्घटना के
उत्तरदायी होंगे और राज्य की जनता खासकर उच्चशिक्षा जगत कभी उन्हें माफ़ न करे.
प्रिंसीपल डॉ. सुभाष भदौरिया सरकारी आर्टस कोलेज शहेरा
प्रिंसीपल डॉ. सुभाष भदौरिया सरकारी आर्टस कोलेज शहेरा
जि.
पंचमहाल. गुजरात ता.27-01-2014
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