ग़ज़ल
मोदी से अदावत है, मोदी से शिकायत है.
मोदी को बुरा कहना झूटों की सियासत है.
गोदी में बिठाकर वो सब दूध पिलाते
हैं,
नागों का कुचलना फन मोदी की तो आदत है.
कर्फ्यू भी नहीं लगता, बसती भी नहीं जलतीं,
गुजरात में अब देखो चहुँ और सलामत है.
अवतार लिया प्रभु ने लीला वो दिखायेंगे,
सब लोग कहें अब तो मोदी की ज़रूरत है.
आया जो कभी तूफां बिखरेगी यकीनन ये,
कहने को बहुत सुंदर ताशों की इमारत है.
उपरोक्त तस्वीर के
रूप में प्रभुने हमें स्वप्न में दर्शन दिये. और कहा मूर्ख इश्क का रोना धोना बंद
कर हमने अवतार ले लिया है इस बार गुजरात की भूमि पर देश के लोगों लुगाइयों युवकों,युवतियों,
का बता कि वे प्रभु को पहिचाने. सब के कष्ट शीघ्र दूर होंगे.
हमने कहा प्रभु
हमारी गुजरात की सरकारी कोलेज शहेरा में 16 की जगह 08 का ही स्टाफ है वे सभी करार
आधारित हैं.सभी 72 सरकारी कोलेजों में 400 से ज्यादा अध्यापकों की जगह खाली हैं.
परीक्षा सर पर हैं छात्र छात्रायें रो रहे हैं जिन एमफिल अध्यापकों को नहीं लिया
गया वे तो अंतिम सांसे गिन रहे हैं. राज्य सेवा आयोग जी.पी.एस.सी. भी सरकारी कोलेजों में कायमी अध्यापकों की जगह
खाली होने के बावज़ूद अध्यापकों की
पर्याप्त मात्रा में नियुक्ति नहीं कर रहा.राज्य सेवा आयोग ने जिनकी नियुक्ति 2
महीने से नियुक्ति कर दी है उन्हें कोलेजों में पोस्टिंग नहीं दी जा रही है.
आप दिल्ली लीला में
व्यस्त रहते हैं तो दूसरी तरफ गुजरात राज्य के शिक्षा विभाग में 6 महीने से शिक्षा कमिश्नर की नियुक्ति नहीं हुई दो जोइन डायरेक्टर की जगह
तीन महीने से खाली है.
कहने को दो शिक्षा
मंत्री हैं पर वे कहने को ही हैं. प्रभु आप कोलेज के युवतियों के भविष्य को ध्यान में रखकर गुजरात
उच्चशिक्षा विभाग में शीघ्र कार्यवाही करें.अन्यथा आपके विरोधियों ने इन छात्र छात्राओं को उकसा
कर उनकी लीला शुरू करवा दी तो दिल्ली ती दूर गुजरात हाथ से चला
जायेगा भगवन. मैं आपका सच्ची भक्त हूं सो
सही सही कह रहा हूँ. आप बाहर लीला रचाओगे और गुजरात में विरोधी लीला रचा देंगे.
प्रभु गंभीर हो
गये बोले क्या करूँ.लगता है उच्च शिक्षा विभाग में सबको बदलना होगा. अचानक हमारी
आँख खुल गयी सुब्ह कोलेज जाना था. स्टाफ में सब को बताया तो सब ने कहा सुब्ह का
सपना है सर ज़ल्द सच होगा.
डॉ. सुभाष भदौरिया गुजरात.
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