ग़ज़ल
तुम रोया ही करना निश दिन खटिया को पकड़कर जाड़े में.
चहुँ तरफा राज हमारा है सरकार हमारे
नाड़े
में.
मंत्री, अफ्सर, हीरो, जोकर, सब टपकाते हैं लार इधर,
छिप छिप कर खेलें खेल सभी, ऐसा जादू अगवाड़े में
(सरकार हमारे नाड़े में)
योगी, भोगी, ढोंगी, लोभी, हमसे वे जीत सके न कभी,
चारों खाने चित हो जायें, आयें जो कभी अखाड़े में.
(सरकार हमारे नाड़े में)
अधरों से पिलायें हम अमृत, हाथों में सौपें स्वर्ण कलश,
रफ़्ता रफ़्ता जन्नत का सफ़र, हम करवायें अँधियाड़े में
(सरकार हमारे नाड़े में)
ज़िन्दा जलवायें लाख हमें, मिट्टी में मिलायें लाख हमें,
हम राख से उभरेंगे हरदम मारेंगे लात पिछाड़े में
(सरकार
हमारे नाड़े में)
बहुचर्चित भँवरीदेवी की रूह कल रात सपने में फिर से आयी
उससे जो बातचीत हुई उसके अंश पाठकों की नज़र हैं.
मैंने कहां भंवरीजी आप... वो बोली एक्स जोयन डॉयरेक्टर
भदौरियाजी आपतो गुजरात की राजधानी सचिवालय गांधीनगर थे मात्र छ महीने में वापिस
सरकारी कोलेज शहरा प्रिंसीपल के पद पर आ गये.
और जोर से ठहाका
लगाकर हँस पड़ी.
मैंने कहा कि वो तो नये आये शिक्षा सचिव तिवारी सर को हम पसन्द
नहीं आये.हमारी शक्ल ही कुछ ऐसी है. सबने उनके कान भरे सो उन्होंने एक महीने में
ही जोयन डायरेक्टर की ट्रांसफर फाइल पर शिक्षा मंत्री और फिर मुख्य मंत्री
नरेन्द्र मोदीजी के स्वर्ण हस्ताक्षर ले
ता.0-2-07-2013 को गांधीनगर से शहेरा रवाना कर दिया.
भंवरी बोली ता.
01-01-2013 को तुम्हारी जोयन डायरेक्टर पद पर मुख्यमंत्री मोदीजी ने ही नियुक्ति की थी. गुजरात राज्य सेवा प्रशासन
के नियमानुसार बिना किसी संगीन चार्ज के क्लास वन अधिकारियों को मात्र छ महीने में
नहीं बदला जाता.
मैंने कहा भँवरीजी गांधीनगर की आबोहवा हमारे अनकूल नहीं थी
रोज गुजरात हाईकोर्ट में किसी किसी मामले में एफीडेविट करने हमें भेजा जाता था. और
फिर नये आये शिक्षा सचिव तिवारी सर वगर
बात के अपमानित किया करते थे.
भँवरी ने रहस्यमयी आवाज़ में कहा भदौरियाजी तुम्हारा आपरेशन
नाड़े के कारण हुआ.
मैंने कहा वो कैसे वो बोली जो गर्दनें तलवार से नहीं कटती वो नाड़े
से कट जाती हैं. तुम प्रामाणिक और प्रतिभाशाली अफ्सर थे. राज्य में तुम्हारे समय
एक भी सरकारी कोलेज में अध्यापक की जगह खाली नहीं थी.अभी 300 से ज्यादा अध्यापकों
की जगह खाली पड़ी हैं. क्यों.
भँवरीने कहा तुम गुजरात हाईकोर्ट में ज़ल्द रीट करो सब तथ्य
कोर्ट के सामने रखो .लोहा गरम है अभी ज़ल्दी हथौड़ा मारो.
मैंने कहां अभी भी
शिक्षा सचिव तिवारी सर हर पन्द्रह दिन में गांधीनगर कचेहरी के कामकाज के मेमों
देकर परेशान कर रहे हैं क्यों ?
भंवरीने कहा शिक्षा सचिव तिवीरी सर की आँखों पर पट्टी बँधी
हुई है.
मैंने कहा शिक्षा
मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूडास्माजी,राज्य कक्षा की शिक्षा मंत्री वसुबहिन उनकी भी
आँखों पर पट्टी बँधी है ?
भँवरीने कहा हां तुम्हें
निकलवाने में उन्होंने भी तुम्हारे ट्रांसफर की फाइल पर सही करके मुख्यमंत्री
नरेन्द्रमोदीजी को गुमराह किया था.
वे क्यों तुम्हारी क्लास वन जोयन डायरेक्टर की
जगह पर क्लास 2-इंचार्ज प्रिंसीपल गांधीनगर बहिन को को 5 महीने से रखे हुए हैं.
मुख्य मंत्रीश्री नरेन्द्रमोदीजी की फाइल पर मंजूरी अभी तक क्यों नहीं ली. क्या
राज में कोई भी वर्ग-1 का अधिकारी योग्य नहीं है. ऐसा क्यों है.
मैंने कहा भँवरीजी राज्य में 72 सरकारी कोलेजों में
पर्याप्त मात्रा में अध्यापक नहीं हैं एम.फिल. अध्यापकों के इस बार न लिये जाने के
कारण ये समस्या खड़ी हुई है. हमारी सरकारी आर्टस कोलेज शहेरा में 16 की जगह मात्र
7 करार आधारित अध्यापक ही है विद्यार्थियों सी संख्या 1300 है. क्या करे सभी कोलेजों
का यही हाल है.
72 में से मात्र 20 प्रिंसीपल रेग्युलर बाकी इंचार्ज है कोई कुछ
नहीं बोलता किसी का भी हमारी तरह ट्रांसफर किया जा सकता है.
तो दूसरी तरफ
गुजरात राज्य में हजारों की संख्या में छात्रों को नुकशान हो रहा है. पर कोई ध्यान
नहीं दे रहा. सभी विकाश विकाश गा रहे हैं.
भंवरीजी मैंने इसकी
शिकायत मुख्य मंत्रीश्री नरेन्द्र मोदीजी को की थी पर वे अभी प्रधानमंत्री के
सपनों में डूबे हैं ध्यान नहीं दे रहे.
मैंनें अपने पर होने
वाले मानसिक अत्याचार की गुजरात की महामहिम राज्यपाल को भी मेल से जानकारी दी है कि
हमें और हमारे परिवार को उच्चशिक्षा कमिश्नर कचेहरी के द्वारा शहेरा में परेशान
किया जा रहा है.
हमें पहले गांधीनगर जोयन डायरेक्टर से हटवा कर अहमदाबाद हमारे
परिवार से दूर 200 किमी शहेरा फिकवाया गया और हमारी जगह गांधीनगर की इंचार्ज
प्रिंसीपल बहिन जो क्लास 2 है उन्हें चार्ज दिया गया. राज्य में अनेक क्लास वन
अधिकारी हैं फिर क्लास 2 को पांच महीने से
चालु क्यों रखा गया है. कमिश्नर कचेहरी में दो क्लास वन अधिकारी हैं वे क्लास 2 के
अंडर काम कर रहे हैं ये स्वर्णिम गुजरात का चमत्कार ही है.
और यहां हमें शहेरा में पन्द्रह दिन में गाँधीनगर में किये पुराने काम के कारण मेंमो देकर परेशान किया जा रहा है. फाइल क्यों
दबाकर रखी थी.
कचेहरी की जोयन डायरेक्टर साहिबा जो सरकारी विज्ञान कोलेज गांधीनगर की इंचार्ज प्रिंसीपल भी हैं वे उच्चशिक्षा कमिश्नर एवं शिक्षा सचिव तिवारी साहब की
सही से हमें मेमो दिलवाती हैं ताकि उनका नाम न आये. फर फाइल पर ग़लत नोटिंग तो वे खुद ही
करती हैं.
इस समय हमारी बेटी सी.ए. फायनल में अहमदाबाद पढ़ रही है
पत्नी उसके साथ रहती हैं. बेटा गुजरात नेशनल ला युनिवर्सिटी से ग्रेज्युट हो
एम.पी.अपने मामा के पास चला गया. परिवार से बिछोह कराने का पाप सबने किया ही अब
मानिसक त्रास दिया जा रहा है क्यों. क्या एक मात्र रास्ता गुजरात हाईकोर्ट ही बचा
है.
भँवरी ने कहा मैं सब जानती हूँ भदौरियाजी वे तुम्हें आगे भी
परेशान करते रहेंगे.
मैंने कहा पर इसका
इलाज़ क्या. वो बोली जिस तरह लोहा लोहे को काटता है इसी तरह से नाड़ा नाड़े को भी
काटता है. स्टिंग आपरेशन क्या समझे फिर जोर से हँस पड़ी.
मैंने कहां भँवरजी एन.सी.सी.में हमारी हथियारों की ट्रेनिंग
हुई थी. अंबूश दुश्मन पर कैसे लगाया जाता है सीखा था पर स्टिंग ओपरेशन.
वो बोली तुम्हें खुद नहीं करना किसी और को सौंप दो. बोम्ब
विस्फोट से नाड़ा विस्फोट काफी ख़तरनाक होता है.
देश में अभी नाड़ा विस्फोट ही तो हो रहे हैं. तुम्हारे
गुजरात में भी तो शुरू हो गया खेल. बात निकली है तो फिर दूर तलक जायेगी. धुँआ है
तो आग ज़रूर होगी.
मैंने कहां भंवरीजी तुम मुख्य मंत्री मोदीजी के सपनों में जा के गुजरात उच्चशिक्षा विभाग में चल रही लीला बताओ.
वो बोली तुम्हें क्या लगता है उन्हें पता नहीं होगा.
भदौरियाजी तुम उनके फेन हो इसलिए तुम उन पर अभी भी विश्वास
करते हो. मैंने कहा कि उन पर अभी पूरा गुजरात विश्वास करता है.
भँवरी फिर जोर से ठहाका लगाकर हँस पड़ी और बोली
इब्तिदाये इश्क है रोता है क्या. आगे आगे देखिए होता है
क्या. गुजरात में अब बोम्ब विस्फोट नहीं नाड़ा विस्फोट होंगें उसकी शुरूआत हो चुकी
है.
इतने में शहरा गाँव
में अजान की आवाज़ सुनाई दी.वो बोली अच्छा भदौरियाजी जाती हूँ. अपना ध्यान रखिए
फिर आँऊँगी. मेरी आँख खुली तो दंग रह गया. भंवरी देवी की रूह से हुई बातचीत पर
ग़ज़ल बनी है जो पाठको के नज़र है.
डॉ. सुभाष भदौरिया.तारीख.24-11-2013
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