शुक्रवार, 17 जनवरी 2014

अब के झाड़ू लगेगी क्या गुजरात में ?

ग़ज़ल
तेज आँधी चलेगी क्या गुजरात में ?
 अब के झाड़ू लगेगी क्या  गुजरात में ?

पाँव जिनके ज़मी पर नहीं आजकल,
नींद उनकी उड़ेगी क्या गुजरात में ?

रौशनी का भरम है समझ लीजिए,
सच को जनता कहेगी क्या गुजरात में ?

दर्द की इंतिहां सब की अब हो गयी,
ज़ुल्म उनका सहेगी क्या गुजरात में ?

कह रही है समन्दर की ख़ामोशी ये,
अब सुनामी बहेगी क्या गुजरात में ?

सच को कहने की आदत है हमको बहुत,
झोपड़ी अब जलेगी क्या गुजरात में ?

.डॉ. सुभाष भदौरिया गुजरात ता.17-01-2014


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