ग़ज़ल
चूजों की हिफ़ाज़त का जिम्मा नागों को अगर दोगे लोगो.
सामान तबाही का अपने, तुम ख़ुद ही कर लोगे लोगो.
फिरते हो बहुत सहमें-सहमें, नज़रों को झुकाये रहते हो,
जब ज़ुल्म से आँख मिलाओगे, दावा है निखर लोगे लोगो.
करते हो किनारों पे मस्ती, लहरों का इल्म नहीं तुमको,
पानी जो तुम्हारे सर से गया, तुम ख़ुद ही सुधर लोगे लोगो.
पश्चिम से तो लपटें उट्ठे हैं, पूरब से भी ख़तरा है तुमको.
आँधी जो उठेगी दोनों तरफ,पत्तों से बिखर लोगे लोगो.
रावण चहुँ ओर यहाँ पर हैं, सीता का रुदन भी ज़ारी है,
तुम ही हो राम तुम्हीं लक्ष्मन, कब इनकी ख़बर लोगे लोगो.
डॉ. सुभाष भदौरिया गुजरात ता.14-04-2016
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